Fri. Apr 18th, 2025

सबका साथ….योगी जी की होए ठाठ…लेकिन केवल बाबा जी करें अपने जात वालों का विकास… सीएम योगी ने कहा है कि केवल राजपूतों की राजनीति के आरोप पर मुझे कोई दुख नहीं, भगवान भी इसी जाति के थे। उन्हें क्षत्रिय होने पर गर्व है। ‘क्षत्रिय जाति में पैदा होना कोई अपराध नहीं है। देश की इस जाति में भगवान ने बार-बार जन्म लिया है। अपनी जाति पर स्वाभिमान हर व्यक्ति को होना चाहिए।’ दरअसल, हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में सीएम योगी से सवाल किया गया था, ‘जब आपसे ये कहा जाता है कि आप सिर्फ राजपूतों की राजनीति करते हैं, तो क्या आपको दुख होता है? सीएम योगी ने इस सवाल के जवाब में कहा कि नहीं… उन्हें कोई दुख नहीं होता है। क्षत्रिय जाति में पैदा होना कोई अपराध नहीं है’।


सजाए लियो कितना भी हिंदुत्व के नाम पर चुनावी मजमा अमित भाई…लेकिन जोगी जी को तो खाली क्षत्रिय ही प्यारा लगे…. जी हां उत्तर प्रदेश की राजनीत में जहां एक ओर अमित शाह योगी आदित्यनाथ की रथ के टायर में जी जान से हवा फूंक-फूंक कर हांफते-हांफते कह रहे हों… ओ…ओ सफेद कपड़ा…ओ लाल कपड़ा….ओ भाई भगवा गम्छा…मोदी जी सबके साथ हैं..और सबका विकास होगा.. तो दूसरी ओर अमित शाह जिस टायर में हवा भर रहे हैं उसे पंचर करने का जिम्मा खुद अजय सिंह बिष्ट उर्फ योगी आदित्यनाथ ने अपने कंधों पर उठा लिया है…हां हां वही योगी आदित्यनाथ जिसे 2017 में मोदी जी ने संघ के प्रताप से ढूंढ कर उत्तर प्रदेश की राजनीति में सरयु के तट पर हिंदुत्व की दीपावली मनाने भेजा था वही महान महंत अब हिंदुत्ववादी से ज्यादा अजय सिंह बिष्ट हो गए हैं मतलब कि क्षत्रिय.
उत्तर प्रदेश का किला सलामत रखने के चक्कर में एक ओर जहां अमित शाह जाटों से लेकर जयंत चौधरी सबके पैरों पर गिरते चल रहें हैं तो दूसरी तरफ योगी आदित्यनाथ अपने ठाकुर प्रिय छवि में ही मस्त हैं. अब देखिए कि कैसे योगी को अयोध्या से गोरखपुर रवाना किया गया तो योगी मुख्यमंत्री से वापस महंत हो गए और वो भी जातिवादी… मतलब एक ओर मोदी सबका साथ सबका विकास कहते हुए थकते नहीं और दूसरी तरफ योगी जाति में गर्व करना छोड़ते नहीं… अब देखिए कि कैसे चुनावों से ठीक पहले ठाकुरों के मुख्यमंत्री बनकर योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश की राजनीत में रह गए हैं…. जहां एक ओर योगी से ब्राहमण इस बात से खार खाए हुए हैं कि वो ठाकुरवादी राजनीत करते हैं तो इसके जवाब में योगी अपने क्षत्रिय प्रेम पर कुछ इस कदर इठलाते हैं…

तो देखा आपने भाजपा के सबका साथ में सबसे पहला विकास किसका होता है…अब समझिए कि बात केवल ब्राहमण और क्षत्रिय की नहीं हैं क्यूंकि ये दोनो ऊंची जातियां हैं लेकिन इसमें छुपा सबसे बड़ा संदेश जो है वो छोटी जातियों के लिए है मतलब दलित और पिछड़े…क्यूंकि जिस जातिगत व्यवस्था में योगी जी की संपूर्ण आस्था है और जिसमें स्वाभिमान लेने की सीख योगी आदित्यनाथ दे रहे हैं उन्हीं की सियासत पर जब खतरा मंडरता हुआ दिखता है तो वो अपने एक फेवरेट दलित के यहाँ पहुंच जाते हैं जिनके यहाँ वो पिछले 5 साल से नहीं गए थे और अब वो सियासी खाना खाने पहुंच गए… उन दलितों के लिए इसमें संदेश है जिसके साथ बैठ कर खुद को उच्च कुलीन समझने वाले रवि किशन की शक्ल उबकाई जैसे हो जाती है…

https://twitter.com/suryapsingh_IAS/status/1487326858156806144?t=OShf4mlCg3Ih1qVhiXeMjA&s=09

एक बात तो साफ है कि उत्तरप्रदेश की जनता ने भाजपाइयों को उखाड़ फेंकने का मन बना लिया है। यही वजह है कि अमित शाह जाटों के सामने नाक रगड़ रहे है, पश्चिमी उत्तरप्रदेश की जनता को दंगों की याद दिला कर उन्हें डरना चाहते है। अगर उनकी भाषा देखे तो समझ आएगा कि वो पश्मी उत्तरप्रदेश की जनता को डरा रहे है और खुलेआम मंचो से कह रहे है कि इस तरह बार कमल पर बटन दबा देना वरना फिर वहीं होगा जो मुजफ्फरनगर में हुवा था। एक तरफ चाणक्य को उत्तरप्रदेश की सत्ता जाने का डर है इसलिए जाटों के कदमों में गिरे पड़े है तो दूसरी तरफ बौखलाहट है जिसकी वजह से वो आएं बाय पर उतर है। लेकिन वहीं उत्तरप्रदेश की राजनीत में 5 साल मलाई खाने वाले बाबा मस्त हो कर उत्तरप्रदेश के दलितों, पिछड़ो और जाटों को कह रहे है की सुनो हम क्षत्रिय है और हमारा नाम अजय सिंह बिष्ट है और इसपर हमें फख्र है कि हमारी जात में ही भगवान जन्म लेते है।

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