New Delhi :- ना कोई राजनीतिक कार्यक्रम,ना कोई धार्मिक सभा और न कोई मेला फिर भी
हर साल 29 दिसंबर को अंसारी परिवार के पुश्तैनी (फाटक) यूसुफपुर घर पर क्यों आखिर जमा होते हैं, लाखों गरीब, मुफलिस??
दरअसल सांसद अफजाल अंसारी(मुख्तार अंसारी के बड़े भाई) के वालिद(पिता) का इंतकाल 29 दिसंबर 2006 को और वालिदा (मां) का 29 दिसंबर 2018 को इंतकाल हो गया था। जिनकी बरसी(पुण्य तिथि) के मौके पर हर साल लाखों गरीब,मजलूम,बेसहारा और जरूरतमंद लोग पूरे पूर्वांचल के अलग अलग हिस्से से आते है जिनके बीच कंबल और खाने का वितरण किया जाता है।

वैसे तो हर रोज हज़ारों लोग अपनी दुख, तकलीफ और शिकायतें लेकर बरसों से यहां आते है लेकिन 29 दिसंबर का दिन बेहद ही खास होता है।

एक तरफ जहां योगी सरकार अंसारी परिवार को माफिया और बाहुबली बताते हुए थकती नहीं है। वहीं, दूसरी तरफ ये भी सच्चाई है जो दिल्ली और लखनऊ में बैठें लोग इस बात से बेखबर और अंजान है कि लाखों गरीब,मुफलिस और बेसहारा चाहे वो किसी भी जाति,मजहब और धर्म के मानने वाले हो उन्हें अपना मसीहा मानते है।