नई दिल्ली: गोवा में 2017 के चुनावी नतीज़ों से सीख लेते हुए कांग्रेस अपने सभी उम्मीदवारों वफादारी का संकल्प दिलाएंगे. गोवा में कांग्रेस के सभी उम्मीदवार बुधवार को पार्टी के शीर्ष नेता राहुल गांधी के साथ वफादारी का संकल्प लेंगे और चुनाव के बाद पार्टी नहीं बदलने की वादा करेंगे. 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर आई थी, लेकिन दलबदल के कारण सरकार बनाने में विफल रही. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुने गए 17 में से सिर्फ दो विधायक अब पार्टी के साथ हैं.
इस बार कांग्रेस गोवा की जनता को इस बात का भरोसा दिलाना चाहती है कि अगर वो कांग्रेस को वोट दे तो उनका वोट बर्बाद नहीं होगा और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने वाले विधायक पार्टी नहीं बदलेंगें.
2019 में, विधायकों के एक बड़े हिस्से ने पार्टी छोड़ दी थी.
कांग्रेस पहले भी इसी तरह का आयोजन कर चुकी है और सभी उम्मीदवारों ने संकल्प लिया है कि वे विधानसभा चुनाव के बाद जनता और पार्टी के प्रति वफादार रहेंगे. उम्मीदवारों ने इस महीने की शुरुआत में एक मंदिर, एक चर्च और एक दरगाह में वफादारी की शपथ ली थी, और मतदाताओं को यह समझाने के लिए राहुल गांधी के साथ इसे दोहराएंगे कि वे चुनाव के बाद दलबदल नहीं करेंगे.
कांग्रेस नेता और पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने भाजपा पर विधायकों को दल बदलने के लिए केंद्रीय एजेंसियों के इस्तेमाल का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, “हम जानते हैं कि 2017 में क्या हुआ था. भाजपा केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करती है और ब्लैकमेल और छापेमारी करती है. हम गोवा के लोगों से स्पष्ट बहुमत देने की अपील करते हैं और हमें विश्वास है कि हम 21 से अधिक सीटें जीतेंगे.’