By , NAUMAN AHMAD KHAN
कोरोना के केहर ने जामिया के स्थापना पर आयोजित कार्यक्रमों पर भी रोक लगा दी थी । दो साल से कोरोना के कारण जामिया का स्थापना दिवस धूमधाम से नहीं मनाया गया था, वहीं इस साल जामिया का 102 वां स्थापना दिवस मनाया गया । लेकिन कैंपस खोलने के बाद भी स्थापना दिवस पर पहले वाली स्थापना दिवस की रौनक नहीं दिखी ।
जामिया मिलिया इस्लामिया के शताब्दी स्थापना वर्ष पर कोरोना का ग्रहण लग गया था । यह 2 साल तक लगा रहा । लेकिन दो साल बाद कैंपस पर इस साल जामिया का 102 वां स्थापना दिवस से मनाया गया । यह स्थापना दिवस जामिया मिलिया इस्लामिया के एम ए अंसारी ऑडिटोरियम में मनाया गया ।
जामिया में स्थापना दिवस की शुरुआत जामिया की पद्मश्री कुलपति प्रो० नजमा अख्तर ने जामिया के ध्वजारोहण के साथ की । इसके बाद जामिया का तराना जामिया के छात्रों द्वारा पढ़ा गया । इस स्थापना दिवस में पद्मश्री कुलपति प्रो० नजमा अख्तर समेत कई मुख्य अतिथि
डॉ. सुभाष सरकार माननीय राज्य मंत्री, शिक्षा मंत्रालय, (भारत सरकार), डॉ. उपेंद्र गिरी अंतर्राष्ट्रीय सदस्य- जे ए सी, जामिया एलुमनी (कैलिफ़ोर्निया, यूएसए), रामचंदर जांगड़ा सांसद, राज्य सभा, हरियाणा, प्रो. असीम अली खान,महानिदेशक, सीसीआरयूएम, (भारत सरकार )
शामिल हुए ।
इसके बाद जामिया के स्थापना दिवस पर कार्यक्रमों की शुरुआत हुई । कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कुलपति प्रोफ़ेसर नजमा अख्तर ने सभी मुख्य अतिथियों को स्वागत करते हुए उनका आभार व्यक्त किया । इसके बाद छात्रों और प्रोफेसरों के द्वारा भाषण दिए गए । और फिर इन मुख्य अतिथियों को मोमेंटो पेश करते हुए उनका अभिनंदन किया गया ।
आपको बता दें, हर साल जामिया मिलिया इस्लामिया अपना स्थापना दिवस बहुत धूमधाम से मनाता है । यह स्थापना दिवस तीन दिन तक मनाया जाता । और इस साल भी 28 अक्टूबर से लेकर 30 अक्टूबर तक रहेगा । जिनमें तीन दिन तक जामिया के अलग-अलग फैकल्टी और रिसर्च सेंटर के छात्र अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं । इन कार्यक्रमों में बैतबाज़ी, नुक्कड़ नाटक , स्टेज नाटक, सोलो सोंग, कव्वाली ,नृत्य ,संगीत और अलग-अलग सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हैं ।
इसी के साथ-साथ इसमें तालीमी मेला भी लगाया जाता है , इसमें छात्रों द्वारा अलग-अलग स्टाल लगाए जाते हैं , जिनमें किताबों का स्टॉल, खेल का स्टाल, खाने-पीने का स्टाल आदि शामिल है । लेकिन स्थापना दिवस के 2 दिन पहले जामिया के द्वारा एक नोटिस जारी करते हुए कहा गया कि इस साल तालीमी मेला नहीं लगाया जाएगा । फंड की कमी होने के कारण यह फैसला लिया गया है ।
यही कारण है कि इस साल जामिया मिलिया इस्लामिया की स्थापना दिवस में पहले वाली रौनक नहीं दिखाई दी ।जामिया के छात्र शाहिद जो कि बीए मास मीडिया अंतिम वर्ष के छात्र हैं , इन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से सब कुछ बंद हो गया और हमारा एडमिशन दो साल पहले हो चुका है, लेकिन हमने अभी तक जामिया स्थापना दिवस नहीं देखा, और हम अंतिम वर्ष के छात्र हैं, हमें डर था कि शायद इस साल भी हम जामिया का स्थापना दिवस न देख पाएं, हम खुश थे कि हम इस साल जाने का स्थापना दिवस देख पाएंगे । जितना अपने सीनियर से सुना था की स्थापना दिवस बहुत धूमधाम से मनाया जाता है । और बहुत रौनक रहती है । लेकिन ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला ।
वहीं वही बी ए उर्दू की छात्रा फिज़ा ने कहा कि इस साल का स्थापना दिवस काफी फीका फीका लग रहा है । उन्होंने कहा कि मेरी स्कूलिंग यहीं से हुई है । लेकिन इस साल का स्थापना दिवस पहले की तरह नहीं दिखा ।