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नई दिल्ली (Khabar अड्डा) इन दिनों चित्रा त्रिपाठी विपक्षी दलों के नेताओं के निशाने पर है। चित्रा के उस ट्वीट को लेकर काफी हंगामा खड़ा होगया है जिसमें उन्होंने लिखा था कि जिसकी जमीन हिली हो,वो माईक नहीं हिलाते जमीन पर पकड़ मजबूत करते हैं। यह तंज़ भार जुमला उन दलों के लिए था जो मोदी की सुनामी में बह गए।

उस के बाद चित्रा त्रिपाठी पर हमला बोलते हुए पूर्व समाजवादी पार्टी प्रवक्ता जितेंद्र वर्मा जीतू ने जवाब दिया है उन्होंने लिखा कि आप लोगों ने अपना जमीर व अपनी कलम कमल के हाँथो बेंच दी है दिन रात बस मोदीभक्ति व मोदी के गुणगान वाली न्यूज दिखाने के अलाव कुछ नहीं है आप लोगों के पास ।

मामला यहीं नहीं रुका इस फिल्ड में कांग्रेसी लीडर संजय निरुपम भी उतर गए और उन्होंने चित्रा पर प्रहार करते हुए लिखा जब ज़्यादातर टीवी एंकर्स बीजेपी के प्रवक्ता बन गए हैं और टीवी डिबेट्स एकतरफ़ा होने लगे हैं, तब इनका बहिष्कार करना सही है। यह फ़ैसला एक महीने के लिए नहीं बल्कि हमेशा के लिए होना चाहिए। प्रवक्ता बयान दें, इंटरव्यू दें और प्रेस कांन्फ्रेंस करें।

उस के बाद चित्रा ने समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता जवाब देते हुए लिखा मैंने तो कांग्रेस के लिये कहा, आपको इतनी मिर्ची क्यों लगी , दूसरी बात-लोकतंत्र में बहुमत का सम्मान होता है.जनता जिसे चुनती है वही देश का भाग्यविधाता है..अभी तो लोकतंत्र का पर्व मना लें,इतना भी narendramodi का विरोध ठीक नहीं..जनादेश का सम्मान करे।

पत्रकारों के द्वारा विपक्षी दलों के लिए ऐसे घटिया शब्दों का प्रयोग करना दिखाता है कि कैसे पत्रकार सत्ता के प्रवक्ता बनने की होड़ में लगे हुए है। वैसे मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है। पत्रकार समाज का दर्पण होते हैं, विपरीत परिस्थितियों में भी सच्चाई को सामने लाने की कोशिश करते थे,, लेकिन अब दायरा केवल राजनीति तक सीमित हो गया है।

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By Khabar Desk

Khabar Adda News Desk

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