प्रेस रिलीज़, शुक्रवार,१७ अगस्त २०१८ : ओजस्वी वक्ता, कवि, पत्रकार व देश के भूतपूर्व प्रधानमंत्री, ‘भारत रत्न’ श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के निधन पर हिन्दी विभाग, जामिया मिल्लिया इस्लामिया की ओर से आज सुबह ११ बजे विभाग के बोर्ड ऑफ़ स्टडीज़ की बैठक में शोक व्यक्त किया गया। इस अवसर पर भाषा एवं मानविकी संकाय के डीन, प्रो. वहाजुद्दीन अल्वी की उपस्थिति में हिन्दी विभागाध्यक्ष, प्रो. हेमलता महिश्वर ने बैठक में उपस्थित सभी प्राध्यापक सदस्यों को भूतपूर्व प्रधानमंत्री, श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की दुखद मृत्यु पर सूचित करते हुए उनके सामाजिक जीवन एवं राष्ट्र के प्रति उनके योगदान पर सभी को अवगत कराया, जिसके पश्चात् माननीय डीन के निर्देशानुसार दिवंगत आत्मा की शांति हेतु दो मिनट का मौन रखा गया।
भाषा एवं मानविकी संकाय के डीन, प्रो. वहाजुद्दीन अल्वी ने श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का स्मरण करते हुए उन्हें एक जननेता बताया जिनकी लोकप्रियता काश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से कामरूप तक उनके विराट व्यक्तित्व जितनी सुदृढ़ थी। साथ ही उन्होंने श्री वाजपेयी जी को सभी समुदायों के बीच परस्पर मैत्रीपूर्ण संबंधों के लिए याद किया। वहीं हिन्दी विभाग के सभी प्राध्यापकों ने श्री वाजपेयी जी की मृत्यु को देश एवं हिन्दी साहित्य-जगत की क्षति बताया। हिन्दी विभागाध्यक्ष, प्रो. हेमलता महिश्वर ने स्वर्गीय भूतपूर्व प्रधानमंत्री की यादगार कविताओं को चेतना और जोश से भरने वाला कहा जिससे आने वाली पीढ़ियों की दिशा-निर्धारण का सूत्रपात होने तथा छात्रों को उनसे प्रेरणा लेने की आशा व्यक्त की। साथ ही आज के बोर्ड ऑफ़ स्टडीज़ की बैठक में उपस्थित विभागीय प्राध्यापक सदस्य, प्रो. हेमलता महिश्वर, प्रो. दुर्गा प्रसाद गुप्त, प्रो. कृष्ण कुमार कौशिक, प्रो. इंदु विरेंद्रा, प्रो. चन्द्रदेव सिंह यादव, प्रो. नीरज कुमार, प्रो. कहकशां एहसान साद, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. दिलीप कुमार शाक्य, डॉ. अजय कुमार नावरिया, डॉ. मुकेश कुमार मिरोठा एवं डॉ. आसिफ उमर ने व्यक्तिगत रूप से श्री वाजपेयी जी के निधन पर उनके परिवारजनों एवं प्रशंसकों के प्रति इस दुख की घड़ी में संवेदना एवं एकजुटता व्यक्त की।
हिन्दी विभाग भाषाएवंमानविकी संकाय
जामिया मिल्लिया इस्लामिया