रिपोर्ट : अफसर कमाल
पटना : अंधेर नगरी चौपट राजा टके सेर भाजी टके सेर खाजा ,यह कहावत केसरिया में लाखों की लागत से लगे बंद पड़े स्ट्रीट लाइट पर सटीक बैठती है।कहते है कि सुंदरता जितना रिझाती है उतना ही सताती है , यही हाल है केसरिया शहर में लगे हाईमास्क लाइट और स्ट्रीट लाइट का। दिन में खूबसूरत सा दिखने वाला केसरिया रात में कितना काला दिखता है यह इन लाइटों को देखकर समझा जा सकता है। सरकार के लाख प्रयास के बाद भी विकास की गति धरातल पर नहीं दिखाई दे रही है ।जितनी जल्दबाजी में दावे कर दिए जाते है। आज हम बात करते हैं,केसरिया नगर पंचायत में लगी स्ट्रीट लाइटों की ।केसरिया शहर के नगर पंचायत में लाखों खर्च के बाद भी शहर में स्ट्रीट लाइटें नही जलती है।शहर की सड़कों पर लगी स्ट्रीट लाइट बंद होने से शहरवासियों ,राहगीरों व आमजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि इन लाइटों को लगाने में करोड़ों रुपए खर्च हुए होंगे।सिर्फ इसलिए की शहर के लोग अंधकारमुक्त,भयमुक्त वातावरण में रहे।रौशनी होने से जहां लोग अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं, वहीं अँधेरा होने से लोगो में लूटपाट,छिनतई तथा दुर्घटना होने का डर बना रहता है।केसरिया नगर पंचायत चेयरमैन स्नेहलता सिंह के नेतृत्व में शहर की मुख्य सड़कों पर नगर प्रशासन द्वारा स्ट्रीट लाइट लगवाई गई थी। जिनके लगने से पूरा शहर जगमगा उठा था। लेकिन धीरे-धीरे ये स्ट्रीट लाइटें एक-एक करके खराब होती गई और आज नौबत यह है कि शहर में एक भी स्ट्रीट लाइट सही से अपनी रोशनी नहीं बिखेर रही है। इससे शहरवासी अंधेरे के कारण अपने आपको असुरक्षित महसूस करते हैं। शहरवासी बताते हैं की आम दिन तो जलना दूर ईद,बकरईद दशहरा ,रामनवमी ,छठ जैसे त्योहारों में भी लाईटें नही जलती जो सिर्फ और सिर्फ अधिकारयों की लापरवाही हीं कहा जा सकता है।अगर अधिकारी ध्यान दे तो चन्द दिनों में इन्हें जलाया जा सकता है।जी हां इसे यह भी कहा जा सकता है कि केसरिया में सड़कों पर लगा स्ट्रीट लाइट सफेद हाथी की दांत तथा शोभा की वस्तु बन कर रह गयी है। रोजाना इस सड़क पर निम्न वर्गीय अधिकारीयों से लेकर उच्च स्तरिय अधिकारीयों की गाड़िया दौड़ती रहती है,पर उन्हें कोई फर्क नही पड़ता ।या शायद उन्हे दिखाई नहीं देता है।इसका जीता जागता उदाहरण है कि सरकार हर क्षेत्र में विकाश की गंगा बहा रही है ,परन्तु लापरवाह अधिकारीयों की वजह से सरकार की योजनाओं पर पतिला लगा रहा है।इस संदर्भ में स्थानीय कार्यपालक जय कुमार ने बताया कि केन्द्र सरकार से स्ट्रीट लाइटिंग के लिए अलग से आउटसोर्सिंग कर दिया गया है।और ये अब विभाग का ममला नहीं रह गया है।इसे बाहरी एजेंसी ही अपने माध्यम से ठीक करवा सकती है।वही उन्होंने बताया कि इसकी मरम्मती के लिये विभाग से किसी प्रकार का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।और स्ट्रीट लाईट को बाहरी एजेंसी के हवाले कर दिया गया है।भारत सरकार की एजेंसी ने लगभग कार्य शुरू कर दिया है ,सर्वे का काम भी हो रहा है। शहर में लगी सभी लाईटें सुचारु रूप से ठीक करने की कवायद बहुत जल्द शूरु कि जायेगी।स्ट्रीट लाइटों के आलावा लाखों के हाईमास्क लाइट भी धूल फांक रहे हैं ।जो नगर परिक्षेत्र में लगाये गए हैं।जीसमें बहुत खराब हो गया, कुछ बनाने के लिए नगर प्रशासन द्वारा ले जाया गया।जो अब तक बन कर पूनः उस जगह पर नहीं लगावाया गया।गौरतलब हो कि देखना यह होगा कि शहर को दिन में खूबसूरत बनाने वाले स्ट्रीट लाइट क्या रात को भी शहर को खूबसूरत बनाएंगे या नगर पंचायत को मुंह चिढ़ायेंगे।