नई दिल्ली, Khabar अड्डा :- दिल्ली के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में 20 से 22 दिसम्बर तक एदुकार्निवाल 18 का आयोजन किया जा रहा है। दिनांक 20 दिसंबर को सुबह 9:00 बजे हरीश चौधरी (मैनेजमेंट प्रोफेसर आईआईटी) की अध्यक्षता में श्रीमती ग्रेस पिंटो चेयर पर्सन रेयान ग्रुप ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। हर साल की तरह इस बार भी देशभर के हजार से ज्यादा स्कूली अध्यापक, प्रिंसिपल और स्कूल मालिकों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
एदुकार्निवाल का इस बार का मुख्य उद्देश भारतीय स्कूलिंग व्यवस्था को विश्व पटल पर बेहतर बनाने वह उसकी राह निर्माण करना है। अध्यापक तथा प्रधान को बेहतर स्कूली शिक्षा व्यवस्था बनाने का प्रशिक्षण देने के लिए विशेष तरह के कार्यशालाओं का भी आयोजन किया जा रहा है।
कार्यक्रम के दूसरे दिन 21 दिसंबर 2018 कि शुरुआत दिल्ली के शिक्षामंत्री श्री मनीष सिसोदिया ने अपने संबोधन से किया। अपने संबोधन में उन्होंने राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में शिक्षा के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा कि बीते 4 सालों में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों में सीखने को लेकर आत्मनिर्भरता बढ़ी है। दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्य के पद को स्वायत्त बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाएं है।
मौजूदा भारतीय शिक्षा व्यवस्था की बात करते हुए मनीष सिसोदिया कहते हैं की आज की शिक्षा व्यवस्था छात्र को सिर्फ एक बेरोजगार सामग्री के तौर पर ही देखती है तथा उसे रूप में छात्र को प्रशिक्षण देती है। जिस कारण किसी भी छात्र का संपूर्ण विकास नहीं हो पाता है। इसी राह में मनीष सिसोदिया आगे दिल्ली की सरकारी स्कूलों में चल रहे हैप्पीनेस तथा एंटरप्रेन्योरशिप कररिकुलम की बात करते हैं उनके अनुसार इस तरह के नए प्रोग्राम से ना केवल छात्र का मानसिक तनाव कम होगा बल्कि उसमें एक नैतिक जिम्मेदारी का भी विकास होगा।
अपने वक्तव्यं के अंत में उन्होंने कहा कि दिल्ली की शिक्षा मॉडल छात्र को बाजार के रूप में बनाना नहीं बल्कि संपूर्ण प्रशिक्षण देकर उसे इस काबिल बनाना है कि वह बाजार में नई तरह की नौकरियों का सृजन कर सकें