लेखक : Waseem Shanu
पिछले 10 साल में आम आदमी पार्टी में बहुत उतार चढ़ाव देखने को मिले, बहुत कम उम्र में बहुत कुछ सीखने को मिला। पार्टी बनने पर पार्टी से जुड़ा यह सोचकर कि कुछ दीवाने आए हैं देश में बदलाव लाने के लिए, देश से भ्रष्टाचार दूर करने के लिए।
पार्टी बनी लोगों ने मज़ाक उड़ाया फिर सरकार बनी सब अच्छा चल रहा था लेकिन पहला टर्निग प्वाइंट आया जब 49 दिन की सरकार चलाने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस्तीफा देना पड़ा। उस दिन ऐसे लगा के किसी ने झकझोर दिया, के ऐसा क्या हो गया के एक ईमानदार आम आदमी मुख्यमंत्री बन गया तो उसे इस क़दर मजबूर कर दिया गया कि उसे इस्तीफ़ा देना पड़ गया, उस दिन कोचिंग करने आया एक 17–18 साल का छात्र पूरी तरह मैदान में आ गया यह सोचकर की अगर आज इस अरविंद केजरीवाल का साथ नही दिया गया तो शायद खुद को में जवाब नही दे पाऊंगा कि जब कोई देश की राजनीति बदलने आया था उस वक्त में साथ खड़ा नही हुआ तो बस निकल गया एक टोपी खरीदकर लक्ष्मी नगर की सड़को पर, मेट्रो में कोचिंग में बस यह सोचकर की अगर में यही योगदान दे सकता हूं तो बस यही सही।
फिर से सरकार बनी, सब सही चलने लगा, मैने जामिया का एंट्रेंस क्लियर किया और फिर छात्र जीवन और छात्र राजनीति में काम करने लगा उधर दिल्ली सरकार ने शिक्षा के छेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने शुरू कर दिए।
2018 की शुरुआत में ख़बर आई के केंद्र सरकार के इसारे पर दिल्ली सरकार के शिक्षामंत्री की सलाहकार को हटा दिया गया जो ऑक्सफोर्ड से पढ़ी लिखी, शिक्षा क्रांति की अहम सूत्रधार, सिर्फ़ 1 रुपए प्रति माह की सैलरी पर काम कर रहीं थी।
इस ख़बर ने फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया कि कोई भी राजनीतिक दल अपनी गंदी राजनीति के चक्कर में ऐसे कैसा कर सकता हैं कि 34 लाख बच्चों के भविष्य को सुधारने का काम कर रही एक महिला को कैसे हटाया जा सकता हैं।
ये जिंदगी का दूसरा टर्निग प्वाइंट था जब दिल ने कहां की आम आदमी पार्टी में पूरी सकरियता के साथ इस महान महिला के साथ काम करना है।
2018 में नई पारी की शुरुआत हुई जब आतिशी Ma’am के साथ काम शुरू किया और कुछ ही दिन में भाई बहन वाला रिश्ता बन गया, राजनीतिक तौर पर सबसे ज्यादा सीखने को मिला, खयाल रखने वाले बहुत सारे लोग जो आज भी बड़े भाई की तरह हमेशा साथ खड़े रहते हैं । तबसे संघर्ष और सीखने को प्रकिया लगातार चल रही हैं।
इन 10 सालों में अरविंद केजरीवाल द्वारा क्रांतिकारी कामों को देखा, आतिशी ma’am के साथ बहुत कुछ सीखा और हर वक्त सही के लिए लड़ना, समाज सेवा और युवाओं को राजनीति में भागीदार बनाने की कोशिश की।
लेकिन कल का दिन बहुत भावुक करने वाला था, Mixed Emotions को शायद पहली बार इतने करीब से महसूस किया जब एक तरफ राजनीति गुरु, बड़ी बहन, और अपनी बॉस दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की शपथ लें रहीं थी, देखा जाए तो उससे ज्यादा खुशी का पल कुछ हो नही सकता था। लेकिन दूसरी तरफ़ ये पद ऐसे वक्त में मिला जब देश के सबसे ईमानदार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को फिर से इस्तीफ़ा देकर जनता की अदालत में जाने का फैसला लेने पड़ा।
लेकिन मुझे गर्व हैं कि जिस नेता के लिए मैने पिछले 12 साल काम किया उसके अंदर आज भी इतनी हिम्मत हैं कि वो कह सकता है कि अगर आपको लगता है में ईमानदार हूं तभी मुझे वोट देना वरना मत देना। मुझे गर्व हैं की जी जब आतिशी ma’am को CM बनाया गया उन्होंने कहां की अरविंद केजरीवाल की सच्ची सिपाही के तौर पर आने वाले चुनाव में 70 में से 70 सीट जिताकर अरविंद केजरीवाल जी को फिर से मुख्यमंत्री बनाने के लिए काम करेंगी।
इतना देखने के बाद में बस इतना कह सकता हूं कि देश का जागरूक युवा होने के नाते जो मैं अपने नेता अरविंद केजरीवाल, आतिशी सिंह और आम आदमी पार्टी के लिए जो कर पाया वह छोटा सा कॉम्ट्रिब्यूशन इस देश के लिए कर पाया उसके लिए मुझे खुद पर गर्व हैं, और खुद से वादा हैं जितना हो पाएगा उतना आगे जारी रखूंगा।
Many Congratulations to Madam Chief Minister!