पटना : बिहार में कोरोनावायरस के बीच स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर पड़ने वाले दबाव की बात किसी से छिपी नहीं है। नीतीश सरकार अब तक स्थितियों को नियंत्रण में बताती आई है। हालांकि, अस्पतालों में मरीजों को एडमिट न किए जाने से लेकर क्वारैंटाइन सेंटर में आधारभूत सेवाएं मुहैया न होने का मुद्दा अब तक सामने आ चुका है। इस बीच खुद सीएम नीतीश कुमार के गृह नगर नालंदा में एंबुलेंस कर्मियों ने हड़ताल कर रखी है। कोरोना जैसे आपात समय में एंबुलेंस सेवा से जुड़े लोगों के कामबंदी से पहले से ही चरमराई राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था अब और समस्याग्रस्त दिख रही है। यहां शुक्रवार को एक मृत महिला के शव को अस्पताल से घर तक पहुंचाने के लिए परिजनों को लाश ठेले पर रखकर ले जाना पड़ी।
#WATCH बिहार, नालंदा: एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल की वजह से एक महिला का शव पोस्टमार्टम के बाद रिश्तेदार ठेले से लेकर गए।
महिला के रिश्तेदार ने कहा, "महिला ने कुछ लोगों को घर के पास शराब बेचने से मना किया जिसके चलते उसकी हत्या कर दी। पोस्टमार्टम के बाद शव ठेले से ले जा रहे हैं।" pic.twitter.com/wD8Mo6X0NF
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 17, 2020
मामला बिहार शरीफ के दीपनगर पुलिस थाने के करीब स्थित जुरापुर गांव का है। महिला के परिजनों का कहना है कि उन्हें एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल की वजह से शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस सेवा नहीं मिली। इसके चलते वे शव को ठेले पर रखकर गांव ले गए। मृतका के रिश्तेदारों ने बताया कि उसकी मौत तीन पड़ोसियों द्वारा मारपीट किए जाने के बाद हुई। महिला अपने घर के पास शराब बेचे जाने का विरोध कर रही थी। इसी पर कहासुनी के बाद गांव के कैलू पासवान, भासो पासवान और राहुल पासवान ने महिला को बुरी तरह पीट-पीटकर मार दिया। उसका शव बाद में बिहार शरीफ के सदर हॉस्पिटल पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया।