नई दिल्ली : संस्कृत के प्रो. फ़िरोज़ खान इन दिनों चर्चाओं में है। संस्कृत में शास्त्री यानी ग्रेजुएट, आचार्य (पोस्ट ग्रेजुएट), शिक्षा शास्त्री (बीएड) की डिग्री जैसी काबिलियत लेकर बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) में संस्कृत टीचर बने प्रो फिरोज खान चर्चा में हैं. वो कुछ हफ्ते पहले तब चर्चा में आए जब उनकी नियुक्ति के बाद काशी हिंदू विश्वविद्यालय में विरोध शुरू हो गया. ये विरोध एक गैर हिंदू के संस्कृत शिक्षक बनने पर था.
BHU में फ़िरोज़ खान का हो रहे विरोध पर शायरी की दुनिया मे अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले युवा शायर सलमान ज़फ़र ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कई सवाल उठाए है। उन्होंने पूछा कि हमनें पंडित श्याम नाथ शुक्ला से उर्दू सीखी है तो आपको फ़िरोज़ खान से संस्कृत पढ़ने में दिक़्क़त क्यों है ?? वहीं उन्होंने विरोध कर रहे लोगों से शिक्षकों का सम्मान करने की नसीहत दी।
“पंडित स्व.श्याम नाथ शुक्ला जी” से मैंने काफ़ी उर्दू सीखी है, और आपको फ़िरोज़ साहब से संस्कृत पढ़ने में दिक़्क़त? ज़बान को हिंदू मुसलमान मत कीजिये। ज़बानें सबकी होती हैं। हर उस शख़्स का “भाषा” पर अधिकार है जिसने उसे हासिल करने के लिए मेहनत की है। उस्ताद का एहतराम कीजिये।#BHU
— Salman Zafar (@ShayarSalman) November 19, 2019
युवा शायर सलमान ज़फ़र ने ट्वीट करते हुए लिखा ” पंडित स्व.श्याम नाथ शुक्ला जी” से मैंने काफ़ी उर्दू सीखी है, और आपको फ़िरोज़ साहब से संस्कृत पढ़ने में दिक़्क़त? ज़बान को हिंदू मुसलमान मत कीजिये। ज़बानें सबकी होती हैं। हर उस शख़्स का “भाषा” पर अधिकार है जिसने उसे हासिल करने के लिए मेहनत की है। उस्ताद का एहतराम कीजिये। #BHU
बता दें कि फिरोज खान जयपुर के पास बागरू के रहने वाले हैं. इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए फिरोज खान ने कहा कि मैं दूसरी कक्षा से संस्कृत पढ़ रहा हूं, लेकिन कभी किसी ने कोई आपत्ति नहीं की. न पड़ोस वालों ने, न किसी मौलवी ने. मैं जितना संस्कृत जानता हूं, उतना तो कुरान का भी ज्ञान मुझे नहीं है. मेरे इलाके के कई हिन्दुओं ने मेरे संस्कृत ज्ञान पर मेरी हौसलाफजाई की है.