नई दिल्ली: राज्यसभा सचिवालय द्वारा एक अधिसूचना के बाद कहा गया है कि इस बार मानसून सत्र के दौरान कोई प्रश्नकाल नहीं होगा। अधिसूचना के अनुसार कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए इस बार मानसून सत्र के दौरान प्रश्नकाल नहीं होगा। जबकि शून्यकाल तथा अन्य कार्यवाही सुचारू रूप से चलेंगी।आपको बता दें कि संसद का मानसून सत्र 14 सितंबर से शुरू होने वाला है जो 1 अक्टूबर तक चलेगा जिसमें लगभग 18 बैठक में होंगी।
नोटिस के जारी होते ही विपक्ष ने सत्तारूढ़ सरकार पर हमला करते हुए विरोध जताया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने सरकार पर हमला करते हुए ट्वीट किया कि ” सरकार पार्लिमेंट को एक नोटिस बोर्ड पर ले आई है और बहुमत को रबर स्टैंप की तरह उपयोग किया जा रहा है।”
बधाई…
संसद सजेगी पर Question Hour नहीं होगा
अब संसद में ताला लगा दिजिए…
जनता चाहती है !!!— punya prasun bajpai (@ppbajpai) September 2, 2020
तो वहीं वरिष्ठ पत्रकार ने नोटिस जारी होने के बाद सरकार पर कटाक्ष करते हुए ट्विटर पर लिखा “बधाई…संसद सजेगी पर Question Hour नहीं होगा,अब संसद में ताला लगा दिजिए…जनता चाहती है !!!
बता दें कि लोकतंत्रिक प्रणाली में प्रश्नकाल को हमेशा से जरूरी ठहराया जाता रहा है. प्रश्न काल.को Question Hours भी कहते हैं. 1950 के बाद संसद में सत्र के दौरान पहली बार इसे खत्म किया जा रहा है. प्रश्नकाल को विपक्ष का एक बडा़ शस्त्र माना जाता रहा है और आम जनता के लिए ये अहम होता रहा है, क्योंकि इसके जरिए सरकार के कामकाज की बहुत सी जानकारियां भी सामने आती हैं. कुल मिलाकर संसद में प्रश्नकाल को लोकतंत्र का बड़ा औजार माना जाता रहा है.