Fri. Jul 4th, 2025

नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ देश भर में जम कर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। प्रदर्शन कर रहे जामिया के छात्रों पर दिल्ली पुलिस ने जिस तरह की बर्बरता की है उसकी निंदा पूरी दुनिया कर रही है। एक तरफ जामिया मिल्लिया इस्लामिया पर पुलिस बर्बरता की सारी हदें तोड़ रही थी वही दूसरी तरफ अदब की दुहाई देने वाले” जश्न-ए-रेख़्ता” दिल्ली में ही जश्न मना रही थी। छात्रों पर हुए हमले की जानकारी के बाद भी जश्न-ए-रेख़्ता ने ना तो अपना प्रोग्राम खत्म किया और ना ही पुलिस के इस कदम की निंदा की।

जिसके बाद अब जश्न-ए-रेख़्ता का भी विरोध शुरू हो गया है। मशहूर शायर और अदीब ज़फरुल हसनैन ने एक पत्र लिख कर रेख़्ता की वेबसाइट से अपनी सारी गज़लों को हटाने की माँग की है। विरोध के इस शानदार तरीके की दुनिया सराहना कर रही है और इस क्रम में सबसे पहले आकर किसी ने समर्थन दिया तो वह है युवा शायर इमरान प्रतापगढ़ी। उन्होंने कहा कि साहित्य/अदब में अब भी कुछ ज़िंदा ज़मीर लोग बचे हुए हैं

इमरान प्रतापगढ़ी के फेसबुक पोस्ट के बाद ही दुनिया को ज़फरुल हसनैन साहब की इस कदम की जानकारी मिली। अब इमरान प्रतापगढ़ी ने सारे अदीबों से अपील करते हुए कहा की वह भी अपनी जुबान खोले और अपने कलम के साथ इंसाफ करे।

इमरान प्रतापगढ़ी ने आगे कहा कि ” अदब के नाम की दुहाई देकर दूकान चलाने वालों का ज़मीर इतना भी टस से मस नहीं हुआ कि इंसानियत के नाते पुलिसिया बर्बरता का शिकार हुए बच्चों की हिमायत में एक लफ़्ज़ ही बोल देते !

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By Khabar Desk

Khabar Adda News Desk

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