नई दिल्ली : तुम 1 घंटे से BC कर रहे हो, अगर तुमने फैसला कर लिया है कि मुसलमानों को बदनाम करने के लिए डिबेट करोगे, सरकार की जूतियां सीधी करोगे तो लानत है तुम्हारी पत्रकारिता पर। दीपक चौरसिया मैं तुम्हे चैलेंज करता हूँ भड़वे पत्रकार अगर हम जैसे को बैठना है तो सम्मान करना सिखों, दो मुल्लो को बैठा कर तुम मुसलमानों को जज करते हो तुमने मुझे 10 बार फ़ोन किया और रिक्वेस्ट की तब मैं आया हूँ तुम्हारी कोई औकात नहीं है तुम भड़वे पत्रकार हो यह शब्द है CPI के प्रवक्ता अमीर हैदर ज़ैदी का।
न्यूज़ नेशन पर गोदी मीडिया के पत्रकार दीपक चौरसिया शाहीन बाग़ में चल रहे CAA के खिलाफ प्रदर्शन में बच्चों की भागीदारी पर डिबेट कर रहे थे। उसके बाद क्या हुवा यह तो हम आपको दिखाएंगे ही लेकिन उस डिबेट में शामिल so called धर्म गुरु अंसार रज़ा और दूसरे दाढ़ी वाले शोएब जमाई की मुसलमानों की ठेकेदारी का सच भी दिखाएंगे। दरअसल इस डिबेट में 28 मिनट निकल जाने के बाद भी उस डिबेट का हिस्सा रहे CPI के प्रवक्ता अमीर हैदर ज़ैदी को बोलने तक का मौंका तक नहीं दिया गया जिसके बाद वह भड़क जाते है। आइए पहले सुनते है CPI के प्रवक्ता ने क्या कहा ?
https://youtu.be/uYLHKPn481U
अभी आप CPI के प्रवक्ता अमीर हैदर ज़ैदी को सुन रहे थे औऱ उन्होंने जिस तरह के शब्द पत्रकार दीपक चौरसिया के इस्तेमाल किया वह अशोभनीय है। लेकिन आज कल जिस तरह की पत्रकारिता मेनस्ट्रीम मीडिया के पत्रकार कर रहे है जिसे पत्रकारिता कम और चाटूकारिता ज्यादा कहा जाता है उन पत्रकारों के लिए ऐसे शब्द अब आम सी बात है। जब यही पत्रकार जामिया AMU और JNU में प्रदर्शन करने वाले छात्रों को आतंकवादी, हुड़दंगी, अराजक, टुकड़े टुकड़े गैंग और ना जाने क्या क्या नाम देते है तो वह माफी मांगने वाले लोग इन पत्रकारों से एक बार भी अपने शब्द वापस लेने तक के लिए नहीं कहते है।
जब आप CPI के प्रवक्ता अमीर हैदर जैदी को सुन रहे थे तो मुझे भरोसा है कि आपको कांग्रेस के प्रवक्ता राजीव त्यागी और पत्रकार अमिश देवगन की याद ज़रूर आई होगी
तो अभी आपने वीडियो कांग्रेस के प्रवक्ता राजीव त्यागी को सुना इन्होंने भी वैसे ही शब्दो का इस्तेमाल किया था जैसा CPI के प्रवक्ता आमिर हैदर ज़ैदी ने किया है। बस फर्क इतना था कि राजीव त्यागी के सामने अमिश देवगन थे और आमिर हैदर ज़ैदी के सामने दीपक चौरसिया।
जब CPI के प्रवक्ता अमीर हैदर जैदी ने अशोभनीय टिप्पणी दीपक चौरसिया पर किया तो उस शो में शामिल सो कॉल्ड मौलाना अंसार रज़ा और शोएब जमाई का ईमान जग गया। इन दोनों ने खड़े हो कर दीपक चौरसिया से माफी माँगी और कहा कि मुसलमान ऐसे शब्द इस्तेमाल नहीं कर सकता है तो अब सवाल यह उठता है की क्या इन दोनो ने CPI के प्रवक्ता मुस्लिम थे इसलिए माफ़ी माँगी, क्या इस शो में राजीव त्यागी होते तो यह दोनों माफी मांगते? अगर नहीं तो आमिर हैदर ज़ैदी मुस्लिम नाम देख कर इन दोनों की ठीकेदारी क्यों जग गई? आपने राजीव त्यागी को भी सुना क्या उस शो में शामिल कोइ भी हिन्दू को खड़े हो कर अमिश देवगन से माफी मांगते हुए देखा कि मैं पूरी हिन्दू कौम की तरफ से आपसे माफी चाहता हूँ ? अगर नहीं तो आमिर हैदर ज़ैदी के शब्दों पर इन मुस्लिमों की मुस्लमानियत क्यों याद आई ? क्या यह दोनों CPI के unofficial प्रवक्ता है ? क्या पार्टी प्रवक्ताओं की बातों को धर्म से जोड़ कर यह लोग टीवी में अपना धार्मिक दुकान चला रहे है सोचिएगा ज़रूर
वैसे सच यह भी है कि इन्हें यह डर सता रहा था कि अगर हम मौलानाओं ने माफी नहीं माँगी तो अगली बार से टीवी स्टूडियों में हमारी दुकान बंद हो जाएगी? अगर इन मौलानाओं को इस बात का डर नहीं था तो उन्होंने CPI के प्रवक्ता द्वारा इस्तेमाल किये गए शब्दों के लिए माफी क्यों माँगी? क्या यह भाजपा या RSS प्रवक्ताओं द्वारा इस्तेमाल किये गए शब्दो के लिए भी माफ़ी मांगेंगे। तो जवाब होगा बिल्कुल नहीं क्योंकि वहाँ उन्हें उनका धर्म संकट में नहीं दिखता है।