नई दिल्ली। कंप्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया (कैग) ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए भारतीय रेल की औसतन संचालन लागत पर एक रिपोर्ट जारी की है। संसद में सोमवार को पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अवधि में रेलवे की औसतन संचालन लागत 98.44 फीसदी रही है जो बीते दस सालों में सबसे खराब है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रेलवे पैसेंजर और अन्य कोच सेवा पर आ रही संचालन लागत के अनुसार कमाई नहीं कर पा रहा है। वह अपने फ्रेट ट्रैफिक से होने वाली कमाई का 95 फीसदी मुनाफा पैसेंजर और अन्य कोच सेवाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई में इस्तेमाल कर रहा है।
कैग की रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि रेलवे को इंटरनल रेवेन्यू (IR) बढ़ाने के लिए उपाय करने चाहिए ताकि सकल और अतिरिक्त बजटीय संसाधनों पर निर्भरता रोकी जा सके। इसमें सिफारिश की गई है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान रेल द्वारा वहन किए गए पूंजीगत व्यय में कटौती हुई है।
रेलवे पिछले दो वर्ष में आईबीआर-आईएफ के तहत जुटाए गए धन को खर्च नहीं कर सका। रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलवे बाजार से प्राप्त निधियों का पूर्ण रूप से उपयोग करना सुनिश्चित करे।
CAG की रिपोर्ट आने के बाद लोगों की प्रतिक्रिया भी आनी शुरू हो गयी है। ऐसे में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व रेल मंत्री कोई प्रतिक्रिया ना दे ऐसा हो नहीं सकता। क्योंकि लालू प्रसाद यादव एक ऐसे रेल मंत्री रहे हैं जिनके दौर में रेल मुनाफे में रहा है ऐसे में लालू प्रसाद यादव के ट्वीटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा गया” मुझे अभी किसी ने याद किया क्या?
बहुत हिचकी आ रही है.. मोहब्बत हमारी भी, बहुत असर रखती है, बहुत याद आयेंगे, जरा भूल के तो देखो…