नई दिल्ली : जाने माने पत्रकार और हिंदी पत्रकारिता का एक ऐसा नाम जिसे हर कोई रविश कुमार के नाम से जानता है। जो छात्रों गरीबों , मजदूरों, बेसहारो की आवाज़ उठाने के लिए जाने जाते है। लेकिन अब उनके ऊपर आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया गया है। रविश कुमार पर मुकदमा बिहार के मुजफ्फरपुर न्यायालय में सुधीर आलोक नामी एक अडोकेट ने दर्ज़ कराया गया। उन्होंने रविश कुमार की कई वीडियों के आधार पर जानबूझकर भ्रम फ़ैलाने, सरकार की छवि ख़राब करने, चीन का समर्थन करने तथा धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने सहित कई गंभीर आरोप लगाए है।
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अधिवक्ता सुधीर द्वारा पत्रकार रवीश कुमार के खिलाफ आईपीसी की धारा 199, 153, 153 ख, 298, तथा 504 के तहत करवाई करने की मांग की गई है। इस सम्बन्ध में अदालत में 14 मई को सुनवाई होगी। पत्रकार रवीश कुमार के खिलाफ कोरोना संकट के दौरान सरकार के खिलाफ जनता को भड़काने तथा विद्रोह पैदा करने के लिए बयान देने के आरोप हैं। इससे पहले भी कई बार रवीश कुमार पर झूठ और भ्रम फ़ैलाने के आरोप लगते रहे हैं। आइए मुकदमा दर्ज कराने वाले वकील ने क्या कुछ कहा है वो उपर दिए गए वीडियों में सुन सकते हैं।
रवीश कुमार पर हुए आपराधिक मुकदमें ई सुनवाई 14 मई को होगी पर सवाल यह उठता है कि क्या वाकई रविश कुमार ने प्राइम टाइम में सरकार की छवी खराब की है या सरकार से सवाल पूछा है ? रविश ने यह पूछा था कि लॉक डाउन में जनता भूखी क्यों है? लॉक डाउन करने से पहले ही मजदूरों और छात्रों को घर जाने का इंतेज़ाम क्यों नहीं किया गया। क्या इन सच्चाइयों से वाक़ई सरकार की छवि खराब हो रही थी यह फिर यह सच को दबाने की कोशिश है।