Fri. Nov 22nd, 2024

डियर CII FICCI

राहुल बजाज के बोलने के बाद आप लोग कब बयान देंगे कि सब ठीक है? कितना संडे मनाएँगे? मंडे आ गया। याद कीजिए जब नोटबंदी जैसा बोगस फ़ैसला लागू हुआ था आप लोगों ने कितने अच्छे से बचाव किया था। छोटे मझोले व्यापारी तबाह हो रहे थे और आप लोग दूरगामी परिणाम का झाँसा दे रहे थे। दुनिया के आर्थिक फ़ैसलों के इतिहास का यह सबसे दो नंबरी फ़ैसला था और आप लोगों ने तारीफ़ कर इतिहास बनाया था। आप लोग कह रहे थे कि मंशा ठीक थी। दुनिया का पहला फ़ैसला था जिसकी मंशा ठीक थी मगर रिज़ल्ट भयावह था। आपने सारे नंबर मंशा पर दिए थे। बर्बादी के एक नंबर भी नहीं काटे।

राहुल बजाज के बयान को मामूली बताने के लिए अभी तक कुछ अख़बारों में विज्ञापन दे देना था जैसे टेक्सटाइल वालों ने विज्ञापन देकर बताया था कि कैसे उनका सेक्टर बर्बाद हो गया है। तुरंत बयान दें कि सब ठीक है और भारत सबसे तेज़ गति से बढ़ने वाला देश है। जब आपकी कार की स्पीड साठ से उतर कर बीस पर आती है तब आपको पता चलता है कि कार सुपर स्पीड से चल रही है।

सरकार की जो एजेंसियाँ इवेंट मैनेजमेंट में बदल गई हैं वो जल्दी जल्दी ANI के ज़रिए न्यूज़ रूम में बाइट पहुँचाए। CII और FICCI वालों को जगाएँ और बुलवाएँ।आप लोग भी
जल्दी आफिस पहुँचे और कुछ बोगस बयान दें। बयान में दूरगामी परिणाम ज़रूर बताएं। साढ़े पाँच साल में बेरोज़गारों की फ़ौज तैयार हुई है। कल रेडियो पर संविधान में दिए गए कर्तव्यों के बहाने रोज़गार पर प्रोपेगैंडा सुना। कमाल का आइडिया था। संविधान के बहाने अपनी नाकामी पर पर्दा डालने का प्रोपेगैंडा ठेला जा रहा था।

आप ऐसा न समझें कि आप प्रभावशाली नहीं हैं। सच नहीं बोल पाते तो क्या हुआ आपके पास बड़ी कारें तो हैं। सूट भी हैं जिन्हें पहनकर आप मैगज़ीन के कवर पर टाइटन बन कर छपा करते थे। अब सरकार की नई CBI यानि ED के छापों से डर गए हैं। जब आपका काम है झूठ बोलना तो जल्दी बोल कर काम ख़त्म करें। देख आइये सूरत की सूरत। कम से कम गुजराती भाइयों की ख़ातिर तो सच कहिए। वहाँ से मुझे मेसेज आ रहे हैं कि धंधा नहीं है।

एक चुनौती है। आप कैसे बोलें ताकि जनता न हंसे। ये मैं बताता हूँ। पहले पता कीजिए कि कितनी फैक्ट्रियां बंद हुई है और नौकरियाँ गई हैं। फिर बयान दीजिए कि भारत की अर्थव्यवस्था shake up कर रही है। resized हो रही है ताकि light होकर टेक्सला कार की तरह सुपर फ़ास्ट हो जाए। देर न करें। कहिए कि पैंतालीस साल में सबसे अधिक बेरोज़गारी इसिलए पैदा की गई है ताकि हम नया रोज़गार दे सके। युवाओं को पुराने रोज़गार से दूर कर सकें। हम इंडस्ट्रियल 5.0 की तैयारी कर रहे हैं। राहुल बजाज को झूठा साबित करने के लिए ख़ूब सारे झूठे बयान दीजिए। ये ease ऑफ़ बिज़नेस है।

जैसे बजट को आप हमेशा 10 में से 9 अंक देते रहे हैं वैसे ही
अबकी बार 10 में 20 दीजिए। कोई आपके मैथ्स पर सवाल नहीं करेगा। सरकार की तारीफ़ करेंगे तो मज़ाल है कोई सवाल उठा दे। बैक अप में आई टी सेल भी तो है। टीवी चैनल तो है ही। अब नहीं झूठ बोलेंगे तो कब बोलेंगे। बेस्ट टाइम।

जय हिन्द ।

रवीश कुमार

loading...

By Khabar Desk

Khabar Adda News Desk

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *