Wed. Jul 16th, 2025 6:55:23 PM

उत्तर प्रदेश पुलिस और विवादों का पुराना नाता है, लेकिन ताज़ा मामला आया है यहां के मुरादाबाद से. जहां मुरादाबाद की थाना सिविल लाइंस पुलिस पर आरोप लगा है कि उसने 30 जुलाई से गुमशुदा वसीम नाम के युवक का शव लावारिस मिलने पर हिंदू रीति-रिवाज से उसका अंतिम संस्कार करा दिया है. फिलहाल पुलिस ने डीएनए टेस्ट कर मामले की जांच करने की भरोसा दिया है.

वसीम के परिजन का कहना है कि उनका भाई ई-रिक्शा चलाता था, 30 जुलाई को वो ई-रिक्शा लेकर घर से गया था, जब वो वापस नहीं आया, तो उन्होंने मुरादाबाद के थाना कटघर में जाकर उसकी गुमशुदगी   की रिपोर्ट दर्ज करवा दी. उसके बाद उन्हें 3 दिन बाद यानि 2 अगस्त को पता चला कि मुरादाबाद के थाना सिविल लाइन क्षेत्र में एक अज्ञात शव मिला है. जिसका हुलिया उनके गुमशुदा भाई से मिल रहा है.

वसीम के परिजन पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और वहां पुलिस और डॉक्टरों से अनुरोध किया कि लावारिस मिले शव को उन्हें दिखा दिया जाए. गुमशुदा वसीम के परिजनों का आरोप है कि पुलिस और डॉक्टरों ने उनसे से यह कह दिया कि शव किसी मुस्लिम का नहीं किसी नॉन मुस्लिम का है. इस पर परिजन वापस आ गए. वही थाना सिविल लाइंस में मिले लावारिस शव के मामले में पुलिस ने जब छानबीन की, तो एक सीसीटीवी में वसीम का रिक्शा ले जाते हुए दो शख्स पुलिस को दिखे हैं. पुलिस अब गहराई से इस मामले की छानबीन कर रही है.

वहीं वसीम के परिजनों ने लावारिस मिले शव का फोटो देखकर यह बताया कि यह शव उनके गुमशुदा भाई वसीम का ही था लेकिन पुलिस में डॉक्टरों ने शव उन्हें देखने नहीं दिया और उसका हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार करा दिया है. वहीं इस मामले में क्षेत्रअधिकारी सिविल लाइंस राकेश कुमार ने कहा है कि वह पोस्टमार्टम के दौरान लावारिस मिले शव से प्रिज़र्व किए गए सैंपल से डीएनए टेस्ट कराकर वसीम के परिजनों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों की जांच कराएंगे. फिलहाल अब मुरादाबाद पुलिस कुछ भी कहे, लेकिन अब सवाल ये है कि अगर लावारिस मिला शव वसीम का नहीं था, तो फिर यह शव किसका था, इसका जवाब भी मुरादाबाद पुलिस के पास नहीं है.

इनपुट : News 18

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By Khabar Desk

Khabar Adda News Desk

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