औरंगाबाद : महाराष्ट्र के औरंगाबद में एक मालगाड़ी के चपेट में आने से 16 मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई. बताया गया है कि मजदूर रेलवे ट्रक पर आराम कर रहे थे और ट्रैक पर आई मालगाड़ी ने मजदूरों को कुचल दिया. मजदूरों की मौत को औरंगाबाद से AIMIM सांसद इम्तियाज जलील ने इस घटना पर दुख जाहिर करते हुए इस हादसे को हत्या करार दिया है. उन्होंने सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की और पूछा कि इस हत्या का जिम्मेदार कौन है.
सांसद इम्तियाज जलील ने कहा कि, “मजदूरों के प्रति जो सरकार का रवैया है वह बेहद खराब है. लॉकडाउन होने के बाद मजदूर अपने घर जाने को बेचैन और मजबूर है लेकिन उन्हें किसी तरह की सहायता नहीं दी जा रही है. इसलिए मजदूरों ने ट्रेन की पटरी का सहारा लेकर घर जाने का फैसला किया. क्योंकि शहर में कई जगह पुलिस तैनात हैं जो इन्हें रोक रहे हैं और उनकी पिटाई भी कर रहे हैं.”
औरंगाबाद में हजारों प्रवासी मजदूर हैं. वह मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से हैं उनका रजिस्ट्रेशन मैंने खुद किया था. उनकी मदद के लिए राज्य और केंद्र सरकार से स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग भी की थी.
औरंगाबाद सांसद ने कहा कि, औरंगाबाद की घटना कोई हादसा नहीं हत्या है ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार जानती है कि महाराष्ट्र में कितने प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं. अलग-अलग राज्यों से यहां मजदूर फंसे हुए हैं मजदूरों को भरोसा था कि सरकार कुछ सहायता करेगी. लेकिन मजबूर मजदूरों ने ट्रैक का सहारा लिया क्योंकि उन्हें सड़क से जाने नहीं दिया जाता. ऐसे और भी मामले हैं जहां मजदूर घर पहुंचने की उम्मीद से पहाड़ और नदी का रास्ता अपना रहे हैं. ऐसे में ये मजदूर भी जालना से भुसावल की ओर निकले. भुसावल एक रेलवे जंक्शन है और वहां से ट्रेन गुजरती है तो उन्होंने सोचा कि हो सकता है ट्रेन मिल जाए. उन्होंने कहा,सरकार विदेशों से लोगों को लाने के लिए स्पेशल प्लेन की व्यवस्था कर रही है लेकिन क्या रेलवे ने ऐसी कोई व्यवस्था की? लाखों मजदूर अगर घर जाना चाहते हैं और अगर सरकार उनकी मजबूरी को नहीं समझ रही है तो यकीनन ये हादसा नहीं हत्या है.
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