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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक अस्पताल ने विज्ञापन छपवाकर मुस्लिम मरीजों से कहा था कि वे अपना और अपने एक तीमारदार का कोरोना नेगेटिव होने का सर्टिफिकेट लाएंगे तभी अस्पताल उनका इलाज करेगा. AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की अब इस पर प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने रविवार को अपने ट्वीट में लिखा- अगर अस्पताल अपनी नीति के विज्ञापन को लेकर पर्याप्त रूप से आश्वस्त है तो “जांच” किस बात की? उसे जनता को नुकसान पहुंचाने की अनुमति कैसे दी जा रही है? प्रधानमंत्री कार्यालय का कहना है कि “Covid-19 धर्म नहीं देखता है” बावजूद इसके उनके वैचारिक प्रशंसकों ने मुस्लिम नागरिकों को टारगेट कर रहे हैं और उनकी जिंदगी को खतरे में डाल रहे हैं.

बता दें कि इस विज्ञापन को लेकर अस्पताल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इश्तेहार को लेकर सोशल मीडिया पर विरोध होने के बाद अस्पताल ने दूसरा इश्तेहार छाप कर कहा कि उसे अपने पहले इश्तेहार पर खेद है. 17 अप्रैल को एक अखबार में विज्ञापन दिया, कल 18 अप्रैल को दूसरा विज्ञापन देकर माफी मांग ली.

मेरठ के इंचौली थाना के प्रभारी ब्रिजेश कुमार सिंह ने बताया कि घटना के संबंध में संबंधित अस्पताल के संचालक के खिलाफ मामला दर्ज करके आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. वहीं मेरठ के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राज कुमार से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘निश्चित ही यह गलत है और हम इस मामले में संबंधित अस्पताल प्रशासन को नोटिस भेज रहे हैं. जवाब मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.’

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By Khabar Desk

Khabar Adda News Desk

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