पूर्वी चम्पारण: जहाँ एक तरफ कोरोना वायरस ने दुनिया भर में कहर बरपा रखा है वहीं दूसरी तरफ बिहार में चुनाव से पहले नफरतों का बाज़ार गर्म हो गया है। नफरती वायरस सड़क चल रहे लोगों की जान लेने पर आमादा हो गए है।
बिहार की कानून व्यवस्था कराह रही है और मुख्यमंत्री सुशासन का खोखला दावा करने से पीछे नहीं हट रहे है।
ये घटना बिहार के पूर्वी चम्पारण ज़िला के मेहसी इलाक़े की है. यहां बथना गांव में एक 18 वर्षीय नौजवान को गले में चाकू मारकर घायल कर दिया गया है. घायल युवक का इलाज फिलहाल जीवधारा के अस्पताल में चल रहा है.
He is critical, being treated in a private hospital at Jivdhara. Talked to SP of East Champaran. FIR not registered so far. Requested him to get FIR registered either on dying declaration of Israil or statement of his brother who knows much about d culprits. #MuslimLivesMatter
— Abdur Rahman (@AbdurRahman_IPS) June 4, 2020
घायल युवक मो. इसराईल के भाई ताहिर बताते हैं कि उनके गांव बहादुरगढ़ में आंधी की वजह से बिजली दो दिनों से ग़ायब थी. इसीलिए इसराईल 2 जून को क़रीब 2.30 बजे दिन में अपना मोबाइल चार्ज करने के लिए बग़ल के गांव बथना जा रहा था. रास्ते में बथना गांव से पहले एक मंदिर के पास बजरंग दल व विश्व हिन्दू परिषद से जुड़े 12-15 लोगों ने इसे रोक कर पहले एक धर्म विशेष के लोगों को लेकर गाली-गलौज की, इस दौरान इसे मारा-पीटा, फिर ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाने को कहा, लेकिन जब मेरे भाई ने मना कर दिया तो उन्होंने इसे बेहद बुरी तरह से मारा.
ताहिर आगे बताते हैं, उनका इरादा इसराईल को जान से मार देने का था. उन्होंने इसका गला काटने की भी कोशिश की. उन्होंने अपने हिसाब से इसे मार ही दिया था. क्योंकि जब इसराईल बेहोश हो गया तो इसे मरा हुआ समझ कर छोड़कर चले गए.