Fri. Sep 20th, 2024

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट की अवमानना को लेकर वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को दोषी करार दिया गया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई बोबड़े को लेकर दो ट्वीट किए थे, इसी मामले में उन्हें दोषी बताया गया है. अब 20 अगस्त को उनकी सजा पर सुनवाई होनी है. लेकिन उससे पहले चारों तरफ से इस फैसले का विरोध शुरू हो चुका है. अब कई बड़े वकीलों ने इसका विरोध किया है. करीब एक हजार वकीलों ने अब तक प्रशांत भूषण को अवमानना केस में दोषी ठहराए जाने का विरोध किया है और इनकी संख्या लगाता बढ़ती जा रही है.

वकीलों के इतने बड़े समूह ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी असहमति जताते हुए कहा कि, एक स्वतंत्र न्यायपालिका का मतलब ये नहीं है कि जज स्क्रूटनी और कमेंट्स से बच सकते हैं.

प्रशांत भूषण से समर्थन में एक लेटर जारी किया गया है, जिसमें लगातार वकीलों के हस्ताक्षर लिए जा रहे हैं. जो वकील भूषण के खिलाफ आए फैसले से असहमत हैं वो इस पर हस्ताक्षर कर रहे हैं. जिनमें कामिनी जायसवाल, श्याम दीवान, नवरोज सीरवई, वृंदा ग्रोवर, दुष्यंत दवे, संजय हेगड़े, मेनका गुरुस्वामी और करुणा नंदी जैसे वकील शामिल हैं. इन सभी ने कहा कि इस वक्त वकीलों का ये कर्तव्य बनता है कि वो बार, बेंच और पब्लिक की कमियों को सामने लाएं.

हालांकि ऐसा नहीं है कि सभी वकील प्रशांत भूषण के ट्वीट से सहमत हैं. जिसमें उन्होंने सुपर बाइक में बैठे सीजेआई और सुप्रीम कोर्ट के काम को लेकर सवाल उठाए थे. लेकिन उनका कहना है कि ये कंटेंप्ट में नहीं आना चाहिए.

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By Khabar Desk

Khabar Adda News Desk

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