नई दिल्ली : पहले जमातियों को कोरोना बम कहा और फिर मुस्लमानों को कोरोना के लिए जिम्मेदार ठहराया अब वही मुस्लमान मस्जिदों को क्वारंटाइन सेंटर बना रहा है और वही जमाती जिसे भारतीय मीडिया कोरोना बम कहा था वह अब प्लाज़्मा डोनेट कर रहा है। दरअसल महाराष्ट्र के पुणे में भवानी पेठ के आसपास कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। यह क्षेत्र शहर के सबसे हॉटस्पॉटों में से एक है। ऐसे में यहां के आजम कॉलेज ऑफ एजुकेशन ने अपने कैंपस के अंदर बनी मस्जिद के हॉल को क्वारंटाइन सेंटर में तब्दील कर दिया है ताकि जरूरत पड़ने पर यहां पर लोगों को क्वारंटाइन किया जा सके।
संस्थान ने क्वारंटाइन सेंटर के साथ ही लोगों के तमाम सुविधाएं भी देने की बात कही है। प्रशासन ने यहां क्वारंटाइन सेंटर बनाए जाने को लेकर समीक्षा की और उसके बाद वे राजी हो गए। आजम मस्जिद के अंदर 9,000 वर्ग फुट के इस हॉल में एक साथ 80 लोगों को क्वारंटाइन किया जा सकता है।
आजम कॉलेज ऑफ एजुकेशन के अध्यक्ष डॉ. पीए इनामदार ने कहा कि हमने कम से कम 80 संदिग्ध कोरोना मरीजों के लिए मस्जिद के हॉल में व्यवस्था की है। मस्जिद में इन दिनों नमाज बंद है और उसका हॉल खाली पड़ा है, ऐसे में सरकार उसका प्रयोग कर सकती है। हम लोग संस्थान की तरफ से लोगों को सुविधाएं भी मुहैया कराएंगे। मस्जिद के अंदर पंखे, रोशनी और शौचालय की व्यवस्था पहले से ही है। हॉल में साफ-सफाई के बाद वहां बेड डाल दिए गए हैं।
डॉ. इनामदार ने कहा कि हालांकि आम तौर पर अधिकारियों द्वारा भोजन उपलब्ध कराया जाता है। लेकिन हम रोगियों को नाश्ता और दो वक्त का खाना भी देने को तैयार हैं। एक शिक्षा परिसर होने के नाते, लोगों को यहां किताबें भी पढ़ने के लिए उपलब्ध हो सकेंगी, ताकि वे खाली समय का उपयोग किताबें पढ़ने में कर सकें।
आज़म परिसर के ZVM यूनानी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के साथ 25 डॉक्टर पहले से ही सरकारी अस्पतालों के साथ काम कर रहे हैं। सेवा के लिए अस्पताल की पांच ऐंबुलेंस भी उपलब्ध कराई गई हैं। आज़म परिसर के अंदर बहुत सारी जगह है। लॉकडाउन के बाद यहां पढ़ाई बंद है और पूरा कैंपस खाली है। ऐसे में लोगों की मदद के लिए कैंपस काम आ सके इससे अच्छी बात और क्या होगी।
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