नई दिल्ली (Khabar अड्डा) : 2019 लोकसभा चुनाव में चुने गए सांसद शपथ ले रहे थे पर अचानक सदन भारत माता की जय, वंदे मातरम, जय मीम जय भीम और अल्लाहु अकबर के नारों से गूँजने लगा। तभी शपथ लेने पहुँचे समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क और उन्होंने शपथ लेने के बाद कहा कि वह वंदे मातरम नहीं बोलेंगें क्योंकि उनका धर्म इस बात की इजाज़त नहीं देता फिर क्या था वहीं हुआ जिसकी उम्मीद थी।
https://twitter.com/AalokTweet/status/1141998983381999617?s=19
इस घटना के बाद आलोक श्रीवास्तव ने एक उर्दू अखबार को ट्वीट करते हुए लिखा ” उर्दू-डेली ‘वंदेमातरम्’ 🇮🇳 संपादक मुस्लिम और कर्मचारी मुसलमान. 1931 से लाहौर से प्रकाशिक उस समय का सर्वाधिक चर्चित अख़बार. जिसकी 5000 से अधिक प्रतियाँ छपती थीं, और पूरे लाहौर में हाथों हाथ लिया जाता था #VandeMataram 🇮🇳
#ShafiqurRahmanBarq के लिए 14 अप्रैल 1931 की एक प्रति”
आपको बता दे कि इस ट्वीट के द्वारा अलोक श्रीवास्तव ने कई झूठ बोला जैसे कि संपादक और कर्मचारियों का मुस्लमान होना जबकि अखबार में संपादक का नाम लिखा हुआ है पंडित करमचंद्र शुक्ल।
सवाल केवल इतना है कि आप ज़बरदस्ती क्यों गवाना चाहते हैं? सवाल है कि भारत के संविधान से आपको इतनी नफरत क्यों है कि संविधान ज़िंदाबाद से आपको तसल्ली नहीं मिलती? अगर आपका राष्ट्रवाद किसी कवि की रचना की जबरन मान्यता पर टिका है तो आपका राष्ट्रवाद बहुत खोखला है। https://t.co/440SgAKwwO
— Navin Kumar (@navinjournalist) June 22, 2019
अलोक श्रीवास्तव का जवाब देने मैदान में आ गए पत्रकार नवीन कुमार और उन्होंने ट्वीट कर आलोक श्रीवास्तव से कई कड़े सवाल पूछे उन्होंने लिखा ” सवाल केवल इतना है कि आप ज़बरदस्ती क्यों गवाना चाहते हैं? सवाल है कि भारत के संविधान से आपको इतनी नफरत क्यों है कि संविधान ज़िंदाबाद से आपको तसल्ली नहीं मिलती? अगर आपका राष्ट्रवाद किसी कवि की रचना की जबरन मान्यता पर टिका है तो आपका राष्ट्रवाद बहुत खोखला है।