नई दिल्ली : देशभर में जारी लॉकडाउन की कई तस्वीरें उभर कर सामने आ रही है जिससे साफ पता चलता है कि यह लॉकडाउन केवल गरीबों और आम लोगों के लिए है जब नेता इसका खुलेआम उल्लंघन करते हुए घूम रहे है। इसी बीच बिहार में बीजेपी के एक विधायक अपनी बेटी को कोटा से लाने में सफल रहे हैं. बिहार के हिसुआ विधानसभा से बीजेपी के विधायक अनिल सिंह ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि मेरी बिटिया कोटा में परेशान थी. मैं पहले पिता हूं फिर विधायक हूं इसलिए मैंने पिता और विधायक का धर्म और कर्तव्य निभाया है.
इस मामले में जब उनसे यह पूछा गया कि क्या उन्होंने कोरोना को लेकर की गई बंदी का उल्लंघन नहीं किया तो विधायक ने कहा कि मैं जिला प्रशासन की अनुमति और सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए ही अपनी बेटी को वहां से लाया हूं. विधायक ने कहा कि केवल सरकार की जिम्मेवारी पर अपने बच्चों को छोड़ने की जरूरत नहीं है मैं एक पिता हूं और मैंने पिता की जो जिम्मेदारी होती है उसे निभाया है इसके साथ ही अनिल सिंह ने कहा कि हर देशवासी का भी अधिकार है.
आपको बता दें कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने लॉकडाउन की वजह से कोटा में फंसे छात्रों को लेकर अपनी मंशा साफ कर दी है .उन्होंने स्पष्ट किया था कि कोटा में फंसे छात्रों को वापस नहीं बुलाया जाएगा. इससे पहले शनिवार को भी नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान स्पष्ट कर दिया था कि कोटा में फंसे छात्रों को बुलाने की जो मांग की जा रही है पूरी तरह से गलत है .अगर ऐसा होगा तो फिर लॉकडाउन का क्या मतलब?
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