लेखक : अनज़र आफाक
नागरिक संशोधन विधेयक लोकसभा में बड़ी आसानी से पास कर लिया गया। इस विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़न के कारण भारत आए हिन्दू, शिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाया गया है इस विधेयक के लोकसभा के पेश होने से पहले ही असम, नागालैंड और दूसरे पूर्वोत्तर राज्यों में जम कर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। धर्म के आधार पर लाए जा रहे इस विधेयक से साफ है कि की यह भारत के सेकुलर ढाँचे पर बड़ा हमला है। क्योंकि इसमें मुस्लिम समुदाय को शामिल नहीं किया गया है।
इसका साफ संकेत है कि CAB के बाद पूरे देश मे NRC लागू किया जाएगा और NRC से पहले इस बिल को लाने का मतलब बहुसंख्यकों को यह बताना है कि NRC से उसे डरने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योंकि अगर वह अपनी नागरिकता साबित करने में असफल हो जाएंगे तब भी उनको आसानी से नागरिकता दे दी जाएगी। पर अगर कोई मुसलमान अपनी नागरिकता को साबित करने में असफल होगा तो उसे पाकिस्तानी , बांग्लादेशी या अफगानिस्तानी गुसपैठियाँ कह कर उसे देश से बाहर निकालने की कोशिश की जाएगी।
यह बिल जो भारत के संविधान के खिलाफ भी है और इसे धर्म के आधार पर पेश किया गया ऐसे में असंवैधानिक रूप से पेश किए गए इस बिल पर JDU के 6 मुस्लिम MLC की चुप्पी सवालों के घेरे में है। JDU हमेशा उस मुद्दे से खुद को अलग कर लेती थी जो भाजपा का कोर एजेंडा हुवा करता था पर इस बिल पर JDU ने खुल कर सरकार का समर्थन किया है। जिससे निराश हो कर JDU के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशान्त किशोर और पवन वर्मा ने अपनी नाराजगी जाहिर की है और JDU को इस बिल को राज्यसभा में समर्थन से पहले एक बार फिर विचार करने के लिए कहा है लेकिन JDU के 6 मुस्लिम MLC ने अब तक इस बिल पर अपनी नाराजगी जाहिर नही की है। तो सवाल यह उठता है कि क्या JDU के मुस्लिम नेता केवल सत्ता का सुख भोग रहे है? क्या JDU में मुस्लिम नेताओं का काम दाढ़ी और टोपी लगा कर सिर्फ मुस्लिमों का वोट माँगना रह गया है?
JDU के 6 मुस्लिम MLC है हारून राशिद, सलमान रागिब , जावेद इक़बाल , तनवीर अख्तर, गुलाम रसूल बलयावी और खालिद अनवर।
इन्हीं में से एक JDU के मुस्लिम MLC है गुलाम रसूल बलयावी जो पहले JDU के राज्यसभा सांसद थे। हर चुनावी सभाओं में दाढ़ी और टोपी लगा कर मुस्लिमों को JDU के लिए वोट करने की अपील करते है वह इस CAB के खिलाफ एक भी शब्द बोलने की हिम्मत नहीं कर पा रहे है।
JDU के एक और मुस्लिम MLC है खालिद अनवर जो उसी सत्ता के खिलाफ दीन बचाओ देश बचाओ कार्यक्रम के अगुआओं में से थे पर वह आज इस CAB बिल पर चुप्पी साधे हुए है। तो क्या JDU के इन मुस्लिम चेहरों में डर का माहौल है कि अगर जुबान खोला तो पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है? क्या इन मुस्लिम नेताओं को यह बताने की कोशिश नहीं करनी चाहिए कि वह नीतीश कुमार के कठपुतली नहीं है ? लेकिन अब तक JDU के किसी भी मुस्लिम राज्यसभा सांसद, MLA और MLC या किसी और दूसरे मुस्लिम नेताओं ने अपना मुँह नहीं खोला है जो चिंताजनक है।