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नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर लोकसभा में जारी बहस में दिलचस्प नजारा देखने को मिला है। एक तरफ शिवसेना ने इस बिल को लेकर सवाल उठाए हैं, जबकि अकसर प्रखर राष्ट्रवाद से जुड़े मुद्दों पर सवाल उठाने वाली जेडीयू समेत कई दलों ने खुलकर समर्थन किया है। 

जेडीयू के नेता राजीव रंजन सिंह ने कहा कि यह बिल सेकुलरिज्म की भावना को मजबूत करने वाला है। उन्होंने कहा कि इसमें उन शरणार्थियों को नरक से निकालने वाला है, जो अपना घर और सम्मान छोड़कर आए हैं। जेडीयू नेता ने कहा कि यह बिल कहीं से भी धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत को चुनौती नहीं देता है। 

नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) पर जनता दल यूनाइटेड के समर्थन को लेकर पार्टी के अंदर से विरोध के सुर उठने लगे हैं। JDU के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने पार्टी लाइन के खिलाफ जाते हुए सोमवार को कैब को समर्थन देने के पार्टी के फैसले को निराशाजनक करार दे दिया। प्रशांत ने कहा कि यह पार्टी के संविधान के भी खिलाफ है।

 

प्रशांत किशोर ने सोमवार को ट्वीट कर ये बातें कहीं। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि वह यह देखकर काफी निराश हैं कि जेडीयू नागरिक संशोधन बिल का समर्थन कर रही है, जो धर्म के आधार पर नागरिकता के अधिकार में भेदभाव करती है। उन्होंने आगे कहा कि जेडीयू का कैब को समर्थन देना पार्टी के संविधान के भी खिलाफ है जिसमें पहले ही पन्ने पर धर्मनिरपेक्षता शब्द तीन बार लिखा है। इसके अलावा यह पार्टी की लीडरशिप के भी विपरीत है जो गांधी के आदर्शों पर चलती है। 

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By Khabar Desk

Khabar Adda News Desk

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