नई दिल्ली, Khabar अड्डा : आतिशी का जन्म 8 जून 1981 को दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विजय कुमार सिंह के घर हुआ। पर्दे के पीछे से काम कर दिल्ली में शिक्षाक्रांति लाने वालों में सबसे अहम चेहरों में से एक थी आतिशी। इनके जीवन की कहानी बड़ी रोचक है। बचपन से सामाजिक मुद्दों को देख परेशान होने वाली आतिशी की प्रारंभिक शिक्षा नई दिल्ली के स्प्रिंग्दल स्कूल से हुई। उसके बाद स्नातक की डिग्री सेंट स्टीफेन कॉलेज से प्राप्त की जहां वह दिल्ली यूनिवर्सिटी की टॉपर रही। फिर स्कॉलरशिप के जरिए आतिशी मास्टर्स के लिए ऑक्सफोर्ड गई। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद आतिशीे देश की सर्वश्रेष्ठ स्कूलों में से एक रिषि कालिक पब्लिक स्कूल कर्नाटक में शिक्षिका के रूप में छात्रों के भविष्य को सुधारने लगी।
इस बीच दिल्ली में अन्ना आंदोलन अपने चरम पर था समाजिक मुद्दों को देख वयाकुल होने वाली आतिशी की इसपर कड़ी नजर थी। 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में आतिशी जनता के बीच जाकर उनके माँग के हिसाब से घोषणा पत्र बनाई। 2015 में आलोक अग्रवाल के मध्य्प्रदेश के जल सत्याग्रह में आतिशी ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया।
आतिशी ने आम आदमी पार्टी के संगठन में अपनी कर्मठता और ईमानदारी के आधार पर एक अलग पहचान बनाई। वह सर्वाधिक शक्तियों वाली समिति PAC की सदस्य तो है ही इसके अतिरिक्त अहम मामलों पर बतौर प्रवक्ता आतिशी की प्रतिक्रिया पार्टी का स्टैंड मानी जाती है। जुलाई 2015 से अप्रैल 2018 तक मात्र एक रुपए प्रति माह की सैलरी ले कर आतिशी ने दिल्ली के शिक्षा मंत्री के सलाहकार के रूप में काम किया। विभिन्न योजनाएं जैसे PTM, मिशन बुनियाद और शिक्षकों को विदेशों में ट्रेनिंग यह तो केवल बस एक झलक है आतिशी के उन विचारों की जिन्होंने दिल्ली में शिक्षाक्रांति की मिसाल लिख डाली। आतिशी की मेहनत और छात्रों के बीच लोकप्रियता का परिणाम यह हुआ कि केंद्र में बैठी सरकार के माथे पर पसीना आ गया। और आए भी क्यों ना क्योंकि धर्म और जाति की राजनीति कर केंद्र की सत्ता पाने वालों को शिक्षा पर ज़ोर देने वाली आतिशी भला कैसे पसन्द आती? केंद्र ने जाल बुना और एक रुपए प्रति माह के वेतन पर काम करने वाली आतिशी को शिक्षा सलाहकार के पद से हटा दिया। पर आतिशी कहा मानने वाली ! अब वह बिना किसी पद के स्कूलों में पहुँच जाती है बच्चों से संवाद करती है और शिक्षकों का आत्मविश्वास बढ़ाती है।
पद और पैसों की लालच से इतर आतिशी आम आदमी पार्टी में मेहनत और ईमानदारी का प्रतीक बन गई हैं। इसी लोकप्रयिता और मेहनत का परिणाम है कि आम आदमी पार्टी ने पूर्वी दिल्ली लोकसभा प्रभारी बना दिया।
आतिशी दिल्ली में आई इस शिक्षा क्रांति को भविष्य की एक ऐसी राजनीति का पहल मानती है जिसमें जनता जाती धर्म के बहकावे में ना आकर शिक्षा नीति के आधार पर वह अपना वोट डाले।