Sun. Sep 8th, 2024

नई दिल्ली : देश के कुछ पत्रकारों का काम अब पत्रकारिता छोड़ हिन्दू-मुस्लिम के बीच नफरत फैलाना, समाज को एक दूसरे से लड़ाना, उनके बीच ज़हर भरना और उन्हें दंगाई बनाना रह गया है। और उन तथकथित पत्रकारों में सबसे बड़ा नाम सुदर्शन चैनल के संपादक सुरेश चव्हाण का है। एक वीडियों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा जो सुरेश चव्हाण के एक शो बिंदास बोल का एक प्रोमो है जिसमें मुस्लिमों के UPSC एग्जाम क्लियर करने को नौकरशाही जिहाद बताया गया है। वह उस वीडियों में चीख रहा है और कह रहा है कि वो अपने आने वाले शो में सरकारी नौकरशाही में मुस्लिमों की घुसपैठ का खुलासा करेगा। उसने यह भी कहा कि अचानक मुस्लमान IAS और IPS में कैसे बढ़ गए। वहीं उसने जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पढ़ाई कर UPSC क्लियर करने वालों को जामिया जिहादी बताया।

दरअसल यह बौद्धिक आतंकवादी सुरेश चव्हाण दूसरे समुदाय के बीच डर और खौफ का माहौल पैदा कर रहा है। जब कि सच्चाई बिल्कुल अलग है। UPSC में मुस्लिमों की भागीदारी लगभग 3 प्रतिशत से थोड़ा अधिक है जबकि मुस्लिमों की आबादी 14 प्रतिशत है ऐसे में सिर्फ 3 प्रतिशत मुस्लिमों का का UPSC में जाना नौकरशाही जिहाद कैसे हो गया ?

अगर सिविल सेवा परीक्षा 2019 की बात करें तो उसमें में 829 उम्मीदवारों का चयन हुआ था जिनमें 45 मुस्लिम उम्मीदवार थे। जबकि दस वर्ष पूर्व 2010 में 791 सफल उम्मीदवारों में 31 मुस्लिम थे। वहीं, 2011 में महज 21 मुस्लिम उम्मीदवार सफल हुए थे। जबकि 2016 में 50 और 2017 में 52 उम्मीदवार सफल हुए थे।

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By Khabar Desk

Khabar Adda News Desk

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