Wed. Apr 16th, 2025

प्रिय मनीष माहेश्वरी,
मैनेजिंग डायरेक्टर, ट्विटर इंडिया!

जय भीम, जय भारत,

भारत में जिस समय लोकसभा चुनाव चल रहे थे, उस दौरान आपको ट्विटर इंडिया का मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया। कृपया मेरी विलंब से दी गई बधाई स्वीकार करें।

आप ट्विटर में आने से पहले जिस कंपनी यानी नेटवर्क 18 में काम कर रहे थे, वहां मैं भी काम कर चुका हूं। मैं वहां सीएनबीसी आवाज चैनल का एक्जिक्यूटिव प्रोड्यूसर था और दिल्ली ऑपरेशन का हेड था। हालांकि उस समय ये कंपनी मीडिया हाउस के तौर पर काम कर रही थी और तब तक मुकेश अंबानी ने इसे खरीदा नहीं था।

आप राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण समय में, लोकसभा चुनाव के बीच, ट्विटर में आए। देश में ओपिनियन बनाने में ट्विटर का क्या महत्व है, ये किसी से छिपा हुआ नहीं हैं।

मुझे उम्मीद है कि चुनाव के दौरान मुकेश अंबानी की कंपनी से ले जाकर आपको जिस मकसद से ट्विटर इंडिया का हेड बनाया गया होगा, आपने वह काम असरदार तरीके से पूरा किया होगा।

आपके ट्विटर इंडिया का हेड बनने के बाद ये देखा जा रहा है कि जहां ट्विटर पर सांप्रदायिक, हिंसक और धार्मिक भावनाएं भड़काने वाले कंटेंट की बाढ़ आ गई है, वहीं लोकतंत्र, समानता, बंधुत्व की बात करने वालों के एकाउंट सस्पेंड किए जा रहे हैं या उन पर रिस्ट्रिक्शन लगाए जा रहे हैं। इसकी कोई वजह भी नहीं बताई जा रही है। हंसराज मीणा से लेकर संजय हेगड़े इसके उदाहरण हैं।

हमने ये नहीं सुना कि सांप्रदायिकता फैलाने के लिए किसी ट्विटर एकाउंट को कभी सस्पेंड किया गया हैं।

आप और आपके स्टाफ का, खासकर बहुजनों – एससी, एसटी, ओबीसी और माइनॉरिटी- के प्रति नजरिया बेहद बुरा हैं।

आप देश की इस 85% आबादी को ट्विटर पर चाहते तो हैं, क्योंकि इनके बिना आपका बिजनेस नहीं चल सकता, लेकिन आप उन्हें पैसिव यानी निष्क्रिय रोल में ही देखना चाहते हैं। आप चाहते हैं कि ये करोड़ों लोग बस लाइक और रिट्विट तथा कमेंट करें। अपना एजेंडा पेश न करें। अपने हैश टैग न चलाएं। ऐसा करते ही आप उनका एकाउंट सस्पेंड कर देते हैं।

मतलब कि आपको एससी-एसटी-ओबीसी-माइनॉरिटी के सिर्फ फॉलोवर चाहिए, स्वतंत्र व्यक्तित्व नहीं।

मिसाल के तौर पर आपने आज मेरे एकाउंट पर रोक लगा दी है, जिसकी वजह से मैं ट्विटर पर लिख नहीं सकता। इसके लिए आपने जो वजह बताई है, वह हास्यास्पद है। बहाना भी आपने मार्च की एक पोस्ट को बनाया है।

मेरी यह पोस्ट क्या बता रही है? यही न कि चुनाव से पहले बहुजन एजेंडा आ गया है। सभी राजनीतिक दलों तक इसे पहुंचाया जाएगा। जो लोग पढ़ना चाहते हैं वे डॉक्टर अनिल जयहिंद से संपर्क करें

आपको लगता है कि ये प्राइवेसी का उल्लंघन है? फिर तो आपको बताना चाहिए कि ये किसकी प्राइवेसी का उल्लंघन है?

डॉक्टर अनिल जयहिंद बी.पी. मंडल के सहयोगी रहे हैं (अब ये मत पूछिएगा कि बी.पी. मंडल कौन हैं!) हम सबके प्रिय और आदरणीय है. उनके निर्देश पर मैंने उनका संपर्क का मेल ट्विटर पर डाला है। ये कौन तय करेगा कि उनकी प्राइवेसी का उल्लंघन हो गया है? आप या डॉक्टर अनिल जयहिंद?

अनिल जयहिंद ट्विटर को लिख कर दे रहे हैं कि मेरी प्राइवेसी का उल्लंघन नहीं हुआ हैं। लेकिन ट्विटर कह रहा है कि – नहीं, आपकी प्राइवेसी का उल्लंघन हुआ हैं।

सीधी सी बात है कि आप नहीं चाहते कि भारत के तमाम लोग अपनी बात मजबूती से ट्विटर पर रखें। आपका ये व्यवहार ट्विटर को एक अलोकतांत्रिक जगह में बदल रहा हैं।

कायदे से तो आपको अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए या फिर कंपनी को चाहिए कि आपको निकाल दें। इससे शायद ट्विटर की कुछ प्रतिष्ठा बहाल हो जाए।

आप बीजेपी के आईटी सेल में नौकरी क्यों नहीं कर लेते?

आपका,

प्रोफेसर दिलीप मंडल

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By Khabar Desk

Khabar Adda News Desk

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