Wed. Jul 30th, 2025

पटना: महाराष्ट्र और हरियाणा में आए चुनावी नतीजों से बौखलाई भाजपा दूसरे दलों आए नेताओं को अपने विधायक और कार्यकर्ताओं पर तरजीह दें रहे है। यही वजह है कि भाजपा ने अपने कई विधायकों का टिकट काट दिया है।

अब सवाल यह भी उठने लगा है कि क्या भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भ्रष्टाचार से समझौता कर लिया है? कम से कम झारखंड में तो यही लगता है. जिस बीजेपी ने वहां मधु कोड़ा और उनके सहयोगियों द्वारा किया गए घोटाले को उजागर किया उसने चुनाव की घोषणा होने से पहले उस घोटाले के एक मुख्य आरोपी भानु प्रताप शाही को पार्टी में शामिल करा लिया. रविवार को पार्टी द्वारा 52 विधानसभा की पहली सूची में जहां को भानु प्रताप शाही भवनाथपुर से टिकट दे दिया गया. वहीं इस घोटाले को उजागर करने वाले सरयू राय का टिकट फ़िलहाल होल्ड पर रखा गया है. सरयू राय जमशेदपुर पश्चिम से  विधायक हैं और माना जा रहा हैं कि मुख्यमंत्री रघुबर दास समेत पार्टी का एक तबक़ा उनका टिकट काटने के पक्ष में हैं.

BJP के द्वारा जारी पहली सूची में अधिकांश दूसरे दलों से आए नेताओं का टिकट पक्का कर दिया गया है जिसमें कांग्रेस से आए मनोज यादव झारखंड मुक्ति मोर्चा से दिनेश सारंगी राजद के पूर्व विधायक जनार्दन पासवान मुख्य हैं वहीं BJP ने विधान सभा में मुख्य सैशेज़ राधा कृष्णा किशोर का छतरपुर से टिकट काट दिया है. 

भाजपा के दूसरे पार्टीयों से आए नेताओं को अपने नेताओं पर तरजीह देने और अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं का टिकट काटने पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भाजपा पर बड़ा हमला किया है। JMM ने कहा कि जो अपने कार्यकर्ताओं का ना हुआ – वो राज्य का क्या होगा।

JMM के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा गया ” पाँच साल तक भाजपा के लिए खून पसीना बहाने वाले कार्यकर्ताओं को चुनाव समय बाहर का रास्ता दिखा – अन्य दलों के नेताओं को तरजीह देना भाजपा की पुरानी नीति हो गयी। जो अपने कार्यकर्ताओं का ना हुआ – वो राज्य का क्या होगा “

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By Khabar Desk

Khabar Adda News Desk

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