Sun. Jun 8th, 2025

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के दीक्षांत समारोह में, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की मौजूदगी में, कुलपति प्रो नजमा अख़्तर और कुलधिपति डा नजमा हेपतुल्ला ने विश्वविद्यालय में मेडिकल कालेज एवं अस्पताल स्थापित करने की पुरज़ोर अपील की।

समारोह में साल 2017 और 2018 में 350 गोल्ड मैडल पाने वालों सहित, पास हुए 10 हज़ार से अधिक छात्रों को डिग्रियां और डिप्लोमा सौंपे गए। गोल्ड मैडल पाने वालों में लड़कियों की संख्या लड़कों से अधिक है।
इस पर राष्ट्रपति ने कहा, यहां बैठी सभी बेटियों को तहे दिल से मुबारकबाद और दुआएं देता हूं जिन्होंने दोनों ही साल, लड़कों से ज्यादा गोल्ड मेडल हासिल किए हैं। इस काबिल और होनहार बेटियों से समाज और देश के आने वाले कल की सुनहरी तस्वीर दिखाई देती है। उन्हांेने कहा, अभी जामिया की कुलपति और कुलाधिपति, दोनों महिलाएं है। यह भी एक ऐतिहासिक बदलाव है जिसके लिए मैं केन्द्र सरकार और मानव संसाधन विकास मंत्रालय की सराहना करता हूं। उन्होंने कहा, यह भी संयोग है कि दोनों विशिष्ट महिलाएं हम-नाम भी हैं और जिनका मतलब स्टार, यानी सितारा होता हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि ये दोनों ‘‘स्टार ‘‘ महिलाएं विश्वविद्यालय की छात्राओं को और प्रोत्साहित करते हुए उन्हें नई बुलंदियों पर ले जाने की प्रेरणा बनेंगी।

दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि जामिया हमारी साझा विरासत और अनेकता में एकता की मिसाल है। उन्होंने कहा कि इसे और मज़बूत करना छात्रों की ज़िम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि 1919 के जलियांवाला बाग नरसंहार और 1920 के असहयोग आंदोलन से देश में स्वाभिमान और जागरण की नई लहर उठी और महात्मा गांधी ने विद्यार्थियों से अपील की कि वे विदेशी हुकूमत की मदद से चलने वाले शिक्षण संस्थानों को छोड़ दें और राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों की स्थापना करें। राष्ट्रपिता की इसी अपील पर जामिया मिल्लिया की 99 साल पहले स्थापना हुई। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है यह संस्थान आज अपने 100वें वर्ष में प्रवेश कर गया है।

उन्होंने कहा कि जामिया मिल्लिया के तराने का यह मिसरा ‘‘उठे थे सुनके जो आवाज़े रहबराने वतन‘‘ , जामिया के संस्थापकों के देशप्रेम को बयान करता है।

सरकार की प्रस्तावित नयी शिक्षा नीति के संदर्भ में उन्होंने कहा कि भारत को ‘‘ ज्ञान में सुपर पावर‘‘ बनाने के लिए जामिया जैसे संस्थानों को अहम किरदार निभाना है। ‘‘ आप जैसे युवाओं के ज्ञान और विवेक के बल पर हमारे देश को विश्व में और ऊंचा मुकाम हासिल करना है।‘‘
राष्ट्रपति ने कहा कि समाज के हर तबके को विकास से जोड़ने की लिए काॅर्पोरेट सोशल रेस्पाॅन्सिबिलिटी यानि सीएसआर की तरह यूनिवर्सिटीज़ सोशल रेस्पाॅन्सिबिलिटी को यूएसआर पर भी जोर देने की ज़रूरत है। ‘‘उन्नत भारत अभियान‘‘ के तहत जामिया द्वारा पांच गांवों को गोद लेने का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कुछ और गांवों को भी गोद लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अगर संभव हो तो छात्र इन गांवों में दो माह के अंतराल पर जाया करें और गांव वालों के साथ मिलकर उनके मसलों को समझने की कोशिश करें। सफाई सुथराई के फायदों के साथ केन्द्र की साक्षरता, सभी बच्चों के टीकाकरण तथा न्यूट्रीशन जैसी योजनाओं के बारे में बताएं।
दीक्षांत समारोह में कुलपति और कुलाधिपति ने जामिया में मेेडिकल कालेज और अस्पताल खोलने में सरकार से मदद की गुहार लगाई।
मानव संसाधन विकास मंत्री श्री निशंक ने कहा कि उनका मंत्रालय जामिया की ज़रूरतों को पूरा करने में हर संभव मदद देने का प्रयास करेगा।
आज़ादी की लड़ाई में जामिया के योगदान को याद करते हुए उन्होंने कहा यह स्वतंत्रता आंदोलन की खुशबू लेकर आगे बढ़ा है और यह गौरव की बात है कि आज यह अपने अस्तित्व के 100वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। उन्होंने कहा कि जामिया आज देश ही नहीं बल्कि दुनिया के महत्वपूर्ण शैक्षिक संस्थानों में आता है।

उन्होंने सरकार की नयी शिक्षा नीति का ज़िक्र करते हुए कहा कि लड़कियों, अल्पसंख्यकों और समाज के वंचित वर्गों को तकनीकी, वैज्ञानिक और व्यवसायिक शिक्षा प्रदान कराएगी।

मंत्री ने कहा कि 6 लाख रूपए तक की प्रति वर्ष आय वाले परिवारों की एक बालिका का शिक्षा का सारा खर्च सरकार वहन करेगी।

उन्होंने कहा 33 साल बाद नई शिक्षा नीति आई है और यह नए भारत की बुनियाद रखेगी।

श्री निशंक ने कहा नई शिक्षा नीति, भारत की अर्थव्यवस्था को 2024 तक 5 खरब डालर तक पंहुचाने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कोशिशों का मार्ग प्रशस्त करेगी।

जामिया द्वारा उद्योगों से मिल कर स्व रोज़गार कोर्सो को बढ़ावा देने की उन्होंने सराहना की।

जामिया की कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय इंवायरमेंट साइसेज़, डिज़ाइन एंड इनोवेशन, हास्पीटल मैनेजमेंट और हास्पीस स्टडीज़ के नए कोर्स शुरू कर रहा है। इसके अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा एनालिटिक्स से जुड़े कोर्स भी शुरू किए जाएंगे।

समारोह का प्रारंभ और समापन राष्ट्रगान से हुआ।

जामिया के रजिस्ट्ररार ए पी सिद्दीकी ने पूरे कार्यक्रम का संचालन किया। समारोह में बड़ी संख्या में अध्यापक, अधिकारी, विशिष्ट मेहमान, कई देशों के राजदूत और पूर्व कुलपति मौजूद थे।

loading...

By Khabar Desk

Khabar Adda News Desk

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *