नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ देशभर में ज़मकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। यह प्रदर्शन दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया से 13 दिसंबर को शुरू हुआ था। इन सबके बीच प्रदर्शन करते हुए 19 दिन गुज़र गए और देखते ही देखते नया साल आ गया। नए वर्ष 2020 की पहली रात को जामिया के छात्रों ने आज़ादी नाईट के नाम से मनाया। जैसे ही रात के 12 बजे और नए साल 2020 की शुरुआत हुई सभी ने राष्ट्रगान से नए साल का स्वागत किया।
जहाँ देशभर में नया साल मनाने के लिए लोग शिमला, मनाली और गोवा के इलावा पता नहीं कहाँ-कहाँ गए लेकिन जामिया के छात्रों और आम लोगों ने मिलकर CAA के खिलाफ अपना संघर्ष करते हुए नया साल मनाया। दिल्ली की सर्दी जिसने पिछले 120 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है पर इस कंपकपा देने वाली ठंड लोगों के हौसलों को नहीं तोड़ सकी। बीते रात जामिया के बाहर मनाए गए इस आज़दी नाईट में कई हज़ार की संख्या में लोग मौजूद थे जो आज़ादी के नारे लगा रहे थे।
जामिया के छात्रों द्वारा नए साल के शुरुआत के इस अन्दाज़ की चर्चा पूरे देश मे हो रही है। बुद्धिजीवी, समाजसेवी, राजनेता, शायर और बॉलीवुड के सितारें इसकी चर्चा कर रहे है। इस पर युवा शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सत्ता के ऊंचाइयों पर बैठे लोगों को तानाशाह बताते हुए कहा कि देखों तानाशाहों ये है वतनपरस्ती।
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा ” जिस जामिया की बेटियों पर तुमने लाठियॉं बरसाईं, जिस जामिया के बच्चे की तुमने ऑंख फोड दी, जिस जामिया की लाइब्रेरी को तुमने ऑंसू गैस से भर दिया, जिस जामिया के फूलों को तुमने बूटों तले रौंद दिया !
वही जामिया साल के पहले लम्हे में राष्ट्रगान गा रहा है, तानाशाहों देखो ये है वतनपरस्ती”