नई दिल्ली : कोरोना वायरस का खतरा भारत मे लगातार बढ़ता जा रहा है। कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 1000 के पार जा चुकी है वहीं मरने वालों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है इनसब के बीच निज़ामुद्दीन मरकज़ को मीडिया ने कोरोना का अखाड़ा बना दिया था जिसके बाद मुस्लमानों को बदनाम करने के लिए ट्विटर पर कई सारे अभद्र हैशटैग शुरू किया गया। जिसका जवाब देने और पूरे देश को यह बताने की यह सब सिर्फ मुस्लमानों को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है जब कि सच यह है कि इस मुसीबत की घड़ी में मुस्लमान बिना धर्म देखे देश के हर उस व्यक्ति की मदद कर रहा है जो परेशानहाल है।
इसी को देखते हुए सोशल मीडिया पर अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अशरफ हुसैन ने अपनी टीम के साथ मिलकर #मुस्लिम_खिदमतगार का हैशटैग शुरू किया जिसका उद्देश्य दुनिया को यह बताना की कोरोना जैसी महामारी में मुस्लमानों की जो छवि मीडिया द्वारा बनाई जा रही है दरअसल वह निराधार है और सच्चाई बिल्कुल उसके विपरीत है। देखते ही देखते यह ट्रेंड टॉप पर पहुँच गया खबर लिखे जाने तक इस हैशटैग पर 1 लाख 48 हज़ार ट्वीट्स आ चुके थे।
इस हैशटैग को शुरू करने वाले अशरफ हुसैन ने लिखा ” दोस्तों ट्रेंड का वक़्त आ गया है, संघियों द्वारा मुसलमानों को बदनाम करने के लिए ट्रेंड चलाया जा रहा है, जो हम लिख भी नही सकते। उन सबको बताना है कि मुस्लिम जैसा अमनपसंद कोई भी नही इस देश में। आप सब #मुस्लिम_खिदमतगार को ट्रेंड करें। क्या आप ये कर सकते हैं? दिखा दीजिये इन्हें…
https://twitter.com/AshrafFem/status/1245724453301936128?s=19
सोशल मीडिया पर खुल कर अपनी राय जाहिर करने वाले अली सोहराब ने लिखा ” एक तरफ मीडिया मुसलमानों की छवि खराब करने मे लगा हुआ है तो दूसरी तरफ मुसलमान पूरे लगन के साथ सड़कों पर उन मुसाफिरों की मदद कर रहे हैं जो लॉकडाउन के कारण पैदल ही अपने घरों के लिए रवाना हो गए हैं…
एक तरफ मीडिया मुसलमानों की छवि खराब करने मे लगा हुआ है तो दूसरी तरफ मुसलमान पूरे लगन के साथ सड़कों पर उन मुसाफिरों की मदद कर रहे हैं जो लॉकडाउन के कारण पैदल ही अपने घरों के लिए रवाना हो गए हैं…#मुस्लिम_खिदमतगार
Cc: @AshrafFem, @ProfNoorulhttps://t.co/hkb6h1ApWf— Ali Sohrab (@007AliSohrab) April 2, 2020
इस हैशटैग को शुरू करने वालों में शामिल रहे प्रो. नूर इलाहाबादी ने लिखा ” मेरे घर पर टीवी नहीं है लेकिन @imArunoday जी ने अपने टीवी की फोटो खींच कर भेजा और बोले की देखी किस तरह से मीडिया वायरस “जमात” को बदनाम कर रही है और किसके कहने पर कर रही है। अभी एक की रिपोर्ट आना बाकी है।
https://twitter.com/ProfNoorul/status/1245770598141300742?s=19
इसी हैशटैग पर ट्वीट करते हुए ज़ोया ने लिखा : करोगी संघीयो की दलाली तो आएगें कई देशभक्त तेरे को औकIत दिखाने । देश तेरे बIप का थोड़ी है।
#मुस्लिम_खिदमतगार
https://twitter.com/Troll_Ziddi/status/1245767841950949378?s=19
एक यूजर ने लिखा ” अरे मुसलमान नाम है खिदमत यानी सब की सेवा करने का, अगर मुसलमान, मुसलमान हो कर भी औरों के काम ना आये तो मुसलमान न्ही हो सकता
#मुस्लिम_खिदमतगार
अरे मुसलमान नाम है खिदमत यानी सब की सेवा करने का, अगर मुसलमान, मुसलमान हो कर भी औरों के काम ना आये तो मुसलमान न्ही हो सकता#मुस्लिम_खिदमतगार
— asif.zamal (@AsifZamal) April 2, 2020
एक और यूजर ने इसी हैशटैग पर लिखा : किसी भी धर्म पर ये दोष मढ़ना ठीक नहीं है कि आप बहुसंख्यक हैं। इसका मतलब ये नही की आप अल्पसंख्यकों पर जो भी चाहे दोष मढ़ दो। आपको दूसरे देशों से सीखने की जरूरत है। अपनी नाकामी छुपाने के लिए हर बार मुसलमानों को टारगेट करना बंद करो। #मुस्लिम_खिदमतगार
किसी भी धर्म पर ये दोष मढ़ना ठीक नहीं है कि आप बहुसंख्यक हैं। इसका मतलब ये नही की आप अल्पसंख्यकों पर जो भी चाहे दोष मढ़ दो। आपको दूसरे देशों से सीखने की जरूरत है। अपनी नाकामी छुपाने के लिए हर बार मुसलमानों को टारगेट करना बंद करो। #मुस्लिम_खिदमतगार
— Charlie_Leo♌ (@ROYAL_ALWARI) April 2, 2020