Fri. Sep 20th, 2024

नई दिल्ली : चाहे टिवीटर हो या फेसबुक या और कोई अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म हर जगह मुसलमानों के आवाज़ को दबाया जाने लगा है अब यूट्यूब मुसलमानों के आवाज़ को कुचलने की कोशिश में लगी हुई है फेसबुक और यूट्यूब को लेकर एक बड़ी खबर आ रही इन दोनों कंपनियों ने सोमवार को बम्बई हाईकोर्ट से कहा कि यदि केंद्र सरकार या अदालत आदेश करे तो वे एआईएमआईएम के उस समर्थक की अपनी वेबसाइट तक पहुंच पर रोक लगा देंगे, जिस पर साम्प्रदायिक तनाव उत्पन्न करने वाली भड़काऊ सामग्री पोस्ट करने का आरोप है.

NDTV में प्रकाशित एक खबर के अनुसार मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्त और न्यायमूर्ति माधव जामदार की एक खंडपीठ मुम्बई निवासी इमरान खान द्वारा दायर एक अर्जी पर सुनवायी कर रही थी. इस अर्जी में अबू फैजल के खिलाफ सोशल मीडिया पर घृणा फैलाने वाले भाषण अपलोड करने के लिए कार्रवाई करने का पुलिस को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. याचिकाकर्ता के वकील ने इससे पहले कहा कि फैजल असदुद्दीन ओवैसी नीत ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) का एक समर्थक है. याचिका में फैजल द्वारा अपलोड किए गए वीडियो को हटाने और सभी सोशल मीडिया वेबसाइटों तक उसकी पहुंच पर स्थाई प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया गया है. इस साल मई में, उच्च न्यायालय ने यूट्यूब और फेसबुक को फैजल द्वारा अपलोड किए गए वीडियो को हटाने का आदेश दिया था।

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By Khabar Desk

Khabar Adda News Desk

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