Sat. Oct 19th, 2024

नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के विरोध में ऑल इण्डिया मजलिस ऐ इत्तिहाद उल मुस्लिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बैरिस्टर असदउद्दीन ओवैसी बिहार के मुस्लिम बाहुल्य किशनगंज जनपद में रैली करने जारहे हैं।किशनगंज में होने वाली इस रैली में जीतन राम माँझी भी शामिल होंगे,Aimim बिहार यूनिट के अध्यक्ष अख्तरूल ईमान के मुताबिक 29 दिसम्बर को किशनगंज में CAA और NRC के विरोध में होने जारहे विरोध प्रदर्शन में हिन्दोस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी भी शामिल होंगे.

ओवैसी का NRC-CAA के खिलाफ सख्त रुख

ओवैसी NRC-CAA के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार किए हुए हैं. ऐसे में ओवैसी के संग मांझी के साथ आने पर सियासी मायने भी निकाले जाने लगे हैं. बिहार में अगले साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. मांझी महागठबंधन से नाराज चल रहे हैं. ऐसे में ओवैसी उन्हें एक मजबूत विकल्प के तौर पर नजर आ रहे हैं, क्योंकि हाल ही में किशनगंज विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में ओवैसी की पार्टी AIMIM जीतने में सफल रही है।

आदिल हसन आजाद ने कहा कि अभी जीतन राम मांझी के साथ गठबंधन पर AIMIM के साथ किसी तरह की चर्चा नहीं हुई है. हालांकि अगर मांझी आते हैं तो बिहार के लिए एक अच्छा फैसला होगा. उन्होंने कहा कि मांझी का अपना जनाधार है और नीतीश कुमार और लालू यादव की तरह उनका दोहरा चरित्र नहीं है. आजाद ने कहा कि मांझी ने मुख्यमंत्री रहते हुए मुस्लिम समाज के विकास के लिए कई काम किए हैं।

AIMIM नेता ने बताया कि जीतन राम मांझी ने अपने आठ महीने के कार्यकाल में गया में हज भवन का निर्माण कराया और दलित लड़कियों की तरह मुस्लिम लड़कियों को भी 12वीं तक मुफ्त शिक्षा का फैसला लिया था. उन्होंने मदरसा के लिए अपना भवन, अपनी जमीन देने का फैसला किया था. बिहार में 2494 मदरसा थे, जिन्हें मांझी ने नियमित किया था. इसी तरह से शिया-सुन्नी वक्फ बोर्ड को ग्रांट भी दिया था।

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By Khabar Desk

Khabar Adda News Desk

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