लेखक : मोहम्मद अनस
अर्नव गोस्वामी ने लोकसभा सांसद सोनिया गाँधी को लेकर अभद्र और अमर्यादित टिप्पणी की, उससे कहीं अधिक गंभीर मामला यह है कि अर्नव ने पालघर में दो साधुओं एवं ड्राइवर की हत्या को सांप्रदायिक रंग देते हुए समाचार कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
IPC की धारा 120B के तहत उस पर आरोप है कि पालघर की घटना में धार्मिक रंग चढ़ाने की साज़िश रची ताकि देश भर में शांति व्यवस्था खराब हो।
किसी भी अपराध को अंजाम देने के लिए साझा साजिश यानी कॉमन कॉन्सपिरेसी का मामला गुनाह की श्रेणी में आता है। ऐसे मामलों में भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी की धारा 120ए और 120बी का प्रावधान है।
अर्नव गोस्वामी ने लोकसभा सांसद सोनिया गाँधी को लेकर अभद्र और अमर्यादित टिप्पणी की, उससे कहीं अधिक गंभीर मामला यह है कि अर्नव ने पालघर में दो साधुओं एवं ड्राइवर की हत्या को सांप्रदायिक रंग देते हुए समाचार कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
IPC की धारा 120B के तहत उस पर आरोप है कि पालघर (1) pic.twitter.com/QoJzlcNYqy— Mohammad Anas (@anasinbox) April 28, 2020
जिस भी मामले में आरोपियों की संख्या एक से ज्यादा होती है, तो पुलिस की एफआईआर में आमतौर पर धारा 120ए का जिक्र जरूर होता है। यह जरूरी नहीं है कि आरोपी खुद अपराध को अंजाम दे। किसी साजिश में शामिल होना भी कानून की निगाह में गुनाह है।
ऐसे में साजिश में शामिल शख्स यदि फांसी-उम्रकैद या दो वर्ष या उससे अधिक अवधि के कठिन कारावास से दंडनीय अपराध करने की आपराधिक साजिश में शामिल होगा तो धारा 120 बी के तहत उसको भी अपराध करने वाले के बराबर सजा मिलेगी। अन्य मामलों में यह सजा छह महीने की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
इस आधार पर देखा जाए तो अर्नव ने अपने जिस कार्यक्रम में पालघर में साधुओं की हत्या के उपरांत यह कहते हुए कार्यक्रम प्रस्तुत किया कि ,’यदि कोई मौलवी या पादरी की हत्या होती तो सोनिया गाँधी को दुख होता लेकिन साधू की हत्या पर खुश हो रही है। इटली में जाकर बताएगी।’
इस कार्यक्रम में अर्नव द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा से देश के कई हिस्सों में धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति एक बड़े वर्ग में नफरत बैठ गई। सोशल मीडिया जैसे कि फेसबुक/ट्विटर/इंस्टाग्राम आदि पर पालघर की घटना की आड़ में धार्मिक अल्पसंख्यक खासकर मुसलमानों पर हमले किए गए। यह कहना उचित होगा कि अर्नव द्वारा प्रसारित किए गए समाचार जिसकी भाषा दंगाई थी के बाद देश में माहौल खराब हुआ। गोरखपुर की मस्जिद में हमला होता है, जिससे प्रतीत होता है कि रिपब्लिक भारत तथा अर्नव के कार्यक्रम देखने के बाद लोगों की मानसिकता हिंसक हो गई है। झारखंड में सब्ज़ी वालों के बीच नफरत की खाई गहरी की गई। उनके ठेलों पर धार्मिक पहचान वाले झंडे लगाए गए। यह सब अर्नव एवं उसके जैसे कथित पत्रकारों द्वारा दिन रात दिखाई जा रही समाचार सामग्री के उपरांत हुआ।
अब ऐसे में, देश के किसी कोने में हत्या हो जाए। घर जला दिए जाए। संपत्ति लूटी जाए। तो इसकी साज़िश का ज़िम्मेदार अर्नव गोस्वामी होगा। फिर अर्नव को आईपीसी की धारा 120B के तहत इन घटनाओं में शामिल आरोपियों के बराबर दंड मिलेगा। फिलहाल, छह महीने की कैद या जुर्माना संभव है।
लेखक : मोहम्मद अनस ( स्वतंत्र पत्रकार हैं। पूर्व में राजीव गाँधी फाउनडेशन में रिसर्च असोसिएट तथा ज़ी मीडिया में एक्जीक्यूटिव रह चुके हैं। ज़ी मीडिया से इस्तीफा देकर सामाजिक न्याय एवं मीडिया रिफॉर्म पर कार्य कर रहे हैं )
https://youtu.be/TVhwZzNz1j8
https://youtu.be/aH5OwHaPavA