नई दिल्ली : मशहूर लेखिका अरुंधति रॉय ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक इंटरव्यू में नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने बातचीत के दौरान मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह सरकार बहुमत ओढ़े अत्याचारी अल्पसंख्यक है। मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि यह सरकार संविधान को ताक पर रखकर आजादी का जश्न मना रही है।
उन्होंने कहा कि हम मौजूदा समय में ऐसे वक्त से गुजर रहे हैं जब नफरत भरी विचारधारा का बोलबाला है। यह नाजी विचारधारा से प्रभावित है और शायद यह कहना गलत नहीं होगा कि यह अब मौजूदा सरकार की पब्लिक पॉलिसी बन गई है। इस सरकार में भीड़ द्वारा किए गए न्याय को भी सही ठहराया जा रहा है। यह एक मशीन की तरह काम कर रहा है जिसमें प्रमुख संस्थानों अपने जद में लेना और मेन स्ट्रीम मीडिया को अपने पक्ष में करना शामिल है। मीडिया के जरिए सरकार अपनी बातें थोप रही है।
इंटरव्यू के दौरान पत्रकार ने सवाल किया कि इस सरकार के लोग कहते हैं कि हम इमरजेंसी के दौरान जेल गए और अभी का माहौल इमरजेंसी से अलग है। इस पर रॉय ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान लोगों को कानून के आधार पर गिरफ्तार किया जा रहा था और उस समय किसी समुदाय के प्रति हिंसक भावना नहीं थी लेकिन मौजूदा सरकार में कुछ समुदाय को लेकर कट्टरता है। यह इमरजेंसी के दौर से बिल्कुल अलग है तब ऐसा नहीं था। उस समय मुस्लिमों को परेशान नहीं किया जा रहा था। इमरजेंसी किसी विचारधारा से प्रभावित नहीं थी।
उन्होंने कहा कि भारत के बहुसंख्यकवाद में यहां की जाति प्रथा शामिल है और इसमें भी अपर कॉस्ट का एक अल्पसंख्यक तबका सबकुछ अपने कंट्रोल में लिए हुए है। चाहे वो मीडिया हो न्याय प्रणाली हो या फिर इंडस्ट्री हो। इस तरह से यह एक बहुमत ओढ़े अत्याचारी अल्पसंख्यक हैं।
बहुमत ओढ़े यह सरकार लोगों के बीच भय फैला रही है और प्रमुख संस्थानों पर अपना कब्जा जमा रही है। मौजूदा सरकार भले ही औपचारिक तौर पर संविधान फिर से नहीं लिख रही हो लेकिन यह सरकार संविधान को ताक पर रख चुकी है।