लेखक : सुनील कुमार मीणा स्वतंत्र लेखक ,
ए.एम.ए मेडिकल यूनिवर्सिटी
ट्विटर पिछले एक महीने से विवादों में है बहुजनों के एकाउंट को सस्पेंड करने और ट्विटर पर जातिवादी होने का भी आरोप लगा हैं लेकिन इस बीच योग गुरु स्वामी रामदेव ने बहुजनो के खिलाफ एक निजी चैनल पर बयान देते हुए कहा कि ” अंबेडकर और पेरियार के समर्थक ट्विटर पर बढ़ रहे हैं और ये देश के लिए खतरा हैं। बाबा रामदेव ने ” अंबेडकर और पेरियार ” के समर्थकों को वैचारिक आतंकवादी कह दिया।
बस फिर क्या था
यही बात बहुजनों को चुभ गयी और ट्विटर से विवाद ख़त्म हुआ ही नहीं था कि फिर से बाबा रामदेव के खिलाफ ट्विटर ट्रेंड शुरू हो गया जिसमें
#BoycottPatanjaliProducts #shutdownPatanjali ट्रेंड महत्वपूर्ण थे जो सिर्फ भारत में ही ट्रेंड नहीं कर रहे थे बल्कि विश्व मे भी अपनी स्थान बनाए हुए थे। बाबा रामदेव के खिलाफ चल रहा यह ट्रेंड भारत मे नंबर 1 और वर्ल्डवाइड नंबर 23 पर ट्रेंड हुआ और 1 लाख से ज्यादा लोगों ने ट्वीट किए।
पत्रकार दिलीप मंडल ने इसी ट्विटर ट्रेंड पर ट्वीट करते हुए लिखा “पेरियार का अपमान हमारी उस महान परंपरा का अपमान है जिसमें तथागत गौतम बुद्ध से लेकर संत कबीर, गुरु रविदास, फुले, सावित्रीबाई, फातिमा शेख, शाहू, आंबेडकर, नारायणा गुरु, ललई यादव, रामस्वरूप वर्मा, जगदेव प्रसाद, कर्पूरी ठाकुर आते हैं #BoycottPatanjaliProducts ” – दिलीप मंडल
बाबा जी एक बात बताओ मेरा धर्म हिन्दू है ,मैं माता पिता को भगवान मानता हूं . मेरे पिता -दादा जी दोनों इंडियन आर्मी से रिटायर्ड भी हैं और मेरा देश पाकिस्तान नहीं भारत हैं लेकिन मैं अंबेडकर पेरियार को पढ़ता हूं लेकिन आप कौन होते हो मुझे वैचारिक आतंकवादी बोलने वाले #पतंजलिकाबहिष्कार
— Dr.Sunil Kumar (@DrSunilKumar_) November 19, 2019
गौरतलब स्वामी रामदेव ने माफी नहीं माँगी और फिर से उन्होंने अपने योग शिविर में “पेरियार को जूतों से पीट पीट मारने वाला बयान दे दिया “
इस बार लोगो में आक्रोश बड़ा और ट्विटर पर फिर ट्रेंड चलाया गया #ArrestRamdev #Ramdev_Insults_Periyar और फिर ये नंबर वन पर ट्रेंड करता रहा 1 लाख 31 हज़ार लोगो ने ट्वीट किए लेकिन कोई कार्यवाई नहीं हुई और ये ट्वीटर वॉर स्वामी रामदेव के खिलाफ खत्म होने का नाम नही ले रहा हैं। भीम आर्मी के लोगो ने आज पटना में पतंजलि की कुछ दुकानों को बंद करवाया देखना ये हैं कि स्वामी रामदेव माफी मांगते हैं या नहीं ट्वीटर को हमेशा से बुद्धीजीवी वर्ग का प्लेटफार्म समझा गया है। जो इस समय भारत में काफी ज्यादा सक्रिय है।
लेखक
सुनील कुमार मीणा
स्वतंत्र लेखक ,
ए.एम.ए मेडिकल यूनिवर्सिटी
मनीला-फिलीपींस
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