अंकरा: तुर्की के राष्ट्रपति तय्यब एर्दोगान की इस्लाम के प्रति जुड़ाव और दिलचस्पी के कारण एक बार फिर से तुर्की दीनदारी की तरफ चल पड़ा है,नही तो ख़िलाफ़त राशिदा के बाद तुर्की में यूरोपियन कल्चर फैल गया था और अश्लीलता बुरी तरह से घर घर मे पहुँच गई थी।
एर्दोगान ने अपने शासनकाल में इस्लामिक शिक्षा को बढ़ावा दिया जिसके कारण लोग इस्लाम की तरफ चल पड़े और योरोप की चमक में अँधे नही हुए,इसके लिये तय्यब एर्दोगान की कोशिश रही है कि तुर्की के बच्चे के सीने में क़ुरआन पाक को महफूज़ करा दें,और क़ुरआन का वो हिफ़्ज़ करलें।
तय्यब एर्दोगान ने स्कूल,कॉलेज और हर छोटे बड़े मदरसे में क़ुरआन की पढ़ाई को ज़रूरी क़रार दिया हुआ है,तथा इसके अलावा हिफ़्ज़ क़ुरआन करने पर हाफ़िज़ छात्र छात्राओं का मनोबल बढ़ाने तथा दूसरे बालकों को हिफ़्ज़ का शोक दिलाने के लिये क़ीमती इनामात से भी नवाज़ा जाता है।
पिछले दिनों तय्यब एर्दोगान ने दो हज़ार हाफ़िज़ छात्र छात्राओं को उमराह के मुक़द्दस सफर के लिये भेजा था,जिसके बाद दुनियाभर में इस खबर ने बड़ी धूम मचा दी थी,और काबा में तवाफ़ करते हुए तुर्की बच्चों की एक पूरी लाइन अलग आए नज़र आरही थी,जो देखने वालों कक बड़ी अजीब लग रही थी।
कुरान शरीफ को अल्लाह ताला ने अपने रसूल हजरत मौहम्मद मुस्तफा सल्ल्लाहू अलैहि वसल्लम पर नाजिल फ़रमाया। और कयामत तक इसकी हिफाजत की ज़िम्मेदारी खुद ही ले ली है। कुरान में कयामत तक किसी तरह का बदलाव नहीं हो सकता है। कुरान शरीफ से पहले जितनी आसमानी किताबें इस दुनिया में नाजिल हुईं। उन सब में बदलाव कर दिया गया।