बरेली (ख़बरअड्डा ब्यरो) :- जब हौसला हो कुछ करने का और समाज मे बदलाव लाने का जज़्बा। तो फिर आप कुछ भी कर सकते है। ऐसा ही हौसला और जज़्बा आप देखेंगें डांडी हमीर कस्बा रिछा में सर सैयद फाउंडेशन का।
डांडी हमीर एक ऐसा गांव जहाँ के लोग अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा और उनके भविष्य को लेकर चिंतित थे। लेकिन उनकी आमदनी इतनी नही की वह अपने बच्चों को किसी प्राइवेट स्कूलों में भेज सके। जब उनकी नज़र सरकारी स्कूलों पर पड़ती तो वह वहाँ के हालतों को देख कर पूरी तरह से मायूस हो जाते थे। इसी बीच गांव में सर सैयद फाउंडेशन के रूप में एक आशा की किरण नज़र आई। और लोग इस संस्था को उम्मीद भरी निगाहों से देखने लगे। ऐसे में इस संस्था की ज़िम्मेदारी और अधिक बढ़ गई।
जिम्मेदारी इसलिए क्योंकि इस गाँव की हालत बहुत खराब थी। ऐसे में गरीबी के कारण शिक्षा नही ले पा रहे बच्चों को शिक्षित करना। जिन बच्चों के सर से माता पिता का साया उठ गया है उनके रहने, खाने, पीने का इन्तेज़ाम के साथ उन्हें अच्छी शिक्षा देना। लोगों के रहने के सर पर छत का बंदोबस्त करना। बेटियों की शादी के लिए उनकी आर्थिक रूप से सहयोग देना।
ऐसे में SSF ने ग़रीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देना शुरू कर दिया। SSF ने बच्चों का रुझान इंग्लिश सीखने के लिए देखा तो सारे विषयों के साथ इंग्लिश की भी निशुल्क शिक्षा देनी शुरू कर दिया। यह संस्था बच्चों को फ्री किताबें और शिक्षा संबंधित सारे समान उपलब्ध कराती है।
आज SSF टीम की मेहनतों का परिणाम है कि गाँव के बच्चें अंग्रेजी के साथ हर विषयों पर बैठ कर चर्चा करते है। सर सय्यद फाउंडेशन के चेयरमैन मोहम्मद इब्राहिम साहब का कहना है कि अभी शिक्षा के क्षेत्र में बहुत काम करने की ज़रूरत है। क्योंकि शिक्षा सफलता की कुंजी है। उन्होंने कहा कि गरीब पढ़ेगा तभी तो देश आगे बढ़ेगा।
इसके अतिरिक्त SSF हर क्षेत्र में में काम करता है जिसके द्वारा लोगों का सामाजिक उत्थान किया जा सके। SSF जरूरतमंद लोगों और समुदायों के लिए भोजन, घर, कपड़े, दवाइयां और दूसरी ज़रूरत की चीज़ें उपलब्ध कराता है।
सर सैयद फाउंडेशन का उद्देश्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना है और यह उसी के लिए काम कर रहा है।