बिहार के सहरसा जिले में 2 दिवसीय कोसी शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन 2 और 3 जून को आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन में बिहार की समस्याओं के साथ साथ सहरसा की समस्याओं पर भी वक्ता अपनी बात रखेंगें। कोसी शिखर सम्मेलन का उद्घाटन पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान करेंगे।यह आयोजन संसद के तर्ज पर आयोजित किया जायेगा जिसमे तीन सत्र होंगे।
पहला सत्र लोकसभा है जिसके दो विषय हैं, पहला विषय ग्रामीण भारत के उत्थान की कार्य योजना और दूसरा विषय महिला आरक्षण विधेयक है। दूसरा सत्र विधानसभा है जिसके दो विषय शराबबंदी की समीक्षा और प्राथमिक शिक्षा की दशा एवं दिशा है। तीसरा और आखिरी सत्र विशेष सत्र है जिसका विषय कोशी: संवाद परिचर्चा और मैथिली केर समकाल आउर युवा है।
जून में होने वाला यह कोशी शिखर सम्मेलन अब कोई साधारण-सा सम्मेलन नहीं रह गया है। अपितु कोशी समस्या उन्मूलन अभियान बन चुका है। देश के ख्यातिप्राप्त साहित्यकार, पत्रकार, जल वैज्ञानिक, पर्यावरणविद सहरसा पधारकर इस सम्मेलन में कोसी त्रासदी के निराकरण पर अपने सुझाव रखेंगे साथ ही मैथिली भाषा पर भी एक विशेष सत्र रखा जाएगा। जिसमें भाषा की समृद्धि पर चर्चा होगी।
इस सम्मेलन की नींव रखने वाले और संस्थापक दिल्ली के अमिटी यूनिवर्सिटी के लॉ के छात्र अभिनव नारायण झा हैं। अभिनव ने अपने राजनीतिक सूझ-बूझ से लोगों को इस कार्यक्रम से जोड़ा और विभिन्न पार्टियों के नेता को इस कार्यक्रम से जुड़ी जानकारी दी और उन्हें आमंत्रित किया। सहरसा के ही सोमू आनन्द इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। सोमू पत्रकारिता के छात्र हैं।
वहीं इस कार्यक्रम में अपने व्यक्तित्व,वक्तव्य से कार्यक्रम के सौंदर्य में चार चाँद लगाएंगे जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पत्रकारिता के छात्र मुकुन्द ठाकुर। मुकुन्द ठाकुर दिल्ली में रहने के बावजूद बिहार की समस्याओं पर शुरुआत से ही लिखते-कहते आए हैं। ठाकुर का कहना है कि आगामी 2-3 जून को होने वाले कोशी शिखर सम्मेलन अब कोई साधारण-सा सम्मेलन नहीं रह गया अपितु कोशी समस्या उन्मूलन अभियान बन चुका है।