Fri. Mar 14th, 2025

नई दिल्ली : महंत के शान में करने चले थे ज़ी हिंदुस्तान वाले पोल कि लोगों ने चाटुकारिता के फाड़ डाले ढोल ।
अच्छा एक बात बताइए आसमान के तरफ मुँह करके थूकने से क्या होता है…. वही होता है जो ज़ी हिंदुस्तान के साथ हुआ है। नोएडा के गुलाम चले थे महंत का महल बनवाने कि लोगों ने ज़ी हिंदुस्तान के मुँह पर ही सीमेंट बालू दे मारा। अब मामला समझिए, ज़ी हिंदुस्तान के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ऐलान किया गया- बाअदब, बामुलाहिज़ा होशियार लखनऊ के गद्दी पर लाल हो रहे राजा को जानना है कि उनके गद्दी पर बैठे चार साल पूरे होने पर रियाया आखिर क्या सोचती है? शहंशाह से सब संतुष्ट तो हैं?

https://youtu.be/wvoHJYqV6WY

ज़ी हिंदुस्तान नामक संचार मंत्री का सवाल आना था कि पूरी जनता में चीख-पुकार मच गया। चार सालों बाद ही सही सबने सोचा शहंशाह हमारे चलो ज़रा ही सही डेमोक्रेसी में विश्वास वाले दिखते हैं। मंत्री ने हाल पूछा है।
फिर क्या था लोग भी डेमोक्रेसी की इज्ज़त रखते हुए बोले कि- हे माई- बाप नहीं है खुश। बदलाव माँगती है जनता।
संचार मंत्री के कानों तक जैसे ही पहुँची कि जनता ने मालिक के शान में गुस्ताखी कर दी है। लगी पूरी ज़ी हिंदुस्तान बिरादरी काँपने, एडिटोरियल डेस्क पर लोग जमा हुए, सोशल मीडिया हेड के दाँत डर से ठिठुर रहे थे।सब के सब डरे कि महाराज को अगर पता चला तो कहीं हमारी बिरयानी बंद न कर दे। काफी मथ्थापच्ची के बाद सूरमाओं ने सोचा डेमोक्रेसी गयी तेल लेने फौरन ट्वीट डिलीट की जाए। और ऐसे ज़ी हिंदुस्तान ने फैलाया हुआ रायता समेटा।

loading...

By Khabar Desk

Khabar Adda News Desk

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *