नई दिल्ली : देश के कुछ पत्रकारों का काम अब पत्रकारिता छोड़ हिन्दू-मुस्लिम के बीच नफरत फैलाना, समाज को एक दूसरे से लड़ाना, उनके बीच ज़हर भरना और उन्हें दंगाई बनाना रह गया है। और उन तथकथित पत्रकारों में सबसे बड़ा नाम सुदर्शन चैनल के संपादक सुरेश चव्हाणके का है।
औऱ एक बार फिर इसने दिल्ली में स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी को बदनाम करने की साजिश रची है।
गौरतलब है कि सुरेश चव्हाणके अक्सर अपने भड़काऊ और नफरत भरे बयानों की वजह से चर्चा में बने रहते हैं। इस बार उन्होंने अपने शो के प्रोमो में जामिया यूनिवर्सिटी और मुसलमानों को निशाना बनाते हुए जिहादी बताया है।
अब खबर सामने आ रही है कि जामिया मिलिया इस्लामिया ने इस मामले में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को एक पत्र लिखा है। जिसमें ये मांग की गई है कि सुरेश चव्हाणके पर जामिया यूनिवर्सिटी की छवि खराब करने के लिए कड़ी कार्रवाई हो।
जामिया के पीआरओ अहमद अज़ीम का कहना है कि हमने शिक्षा मंत्रालय को पूरे मामले की जानकारी देते हुए उनसे उचित कार्रवाई करने की मांग की है।
जामिया की वीसी नजमा अख्तर ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि “आरसीए के 30 छात्रों को इस बार चुना गया है, जिनमें से 16 मुस्लिम और 14 हिंदू हैं। चूँकि वे सभी जिहादी कहलाते थे, इसका मतलब 16 मुस्लिम जिहादी थे और 14 अन्य हिंदू जिहादी थे। हमें उन्हें ज्यादा महत्व नहीं देना चाहिए।”
दरअसल 26 अगस्त को सुरेश चव्हाणके ने अपने शो का एक ट्रेलर ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने आरसीए के यूपीएससी पास करने वाले छात्रों को “जामिया के जिहादी” बताया था।
इसके साथ ये भी कहा था कि अचानक मुसलमान आईएएस, आईपीएस में कैसे बढ़ गए? ‘सोचिये, जामिया के जिहादी अगर आपके जिलाधिकारी और हर मंत्रालय में सचिव होंगे तो क्या होगा?
बताया जा रहा है कि जामिया टीचर्स एसोसिएशन ने इस नफरत भरी टिप्पणी के लिए प्रशासन से सुरेश चव्हाणके के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज करने की मांग की है। टीचर्स एसोसिएशन का कहना है कि सुरेश चव्हाणके द्वारा भारतीय विरोधी और जामिया विरोधी टिप्पणी की गई है।