नई दिल्ली: देश के प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में एक बार फिर बवाल हुआ है. खबर है कि चेहरे पर नकाब बांधे कुछ लोगों ने जेएनयू कैंपस के अंदर छात्रों और शिक्षकों पर हमला कर दिया. हमले में छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष के साथ दर्जनों छात्र बुरी तरह घायल हो गईं हैं. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कल शाम करीब 6:30 बजे लगभग 50 गुंडे जेएनयू कैंपस में में घुस आए और छात्रों पर हमला करना शुरू कर दिया. इन लोगों ने कैंपस में मौजूद कारों को भी निशाना बनाया और हॉस्टल में भी तोड़फोड़ की।
हमलावरों में हॉस्टल पर पत्थरबाजी की और यूनिवर्सिटी की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया. घायल किछात्रों को एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है, जिनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है. वहीं, छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने बताया कि चेहरे पर नकाब डाले लोगों ने उनपर हमला किया और बुरी तरह से पिटाई की. इस हमले में उनके सिर पर गहरी चोट आई है. वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहा है कि 50 से ज्यादा की संख्या में लोग नकाब बांधकर कैंपस में घूमते दिख रहे हैं, जिनके हाथों में हॉकी स्टीक, रॉड और बल्ला दिखाई दे रहा है.
रात में ही हालात को कवर करने गए और ABVP की गुंडागर्दी को देश के सामने लाने पहुँचे आज तक के पत्रकार आशुतोष मिश्रा पर भी भीड़ ने हमला कर दिया। उनके साथ मौजूद कैमरामैन पर भी हमला हुआ। कैमरा तोड़ दिया और ज़बरदस्ती फ़ोन छिनने की कोशिश की।
JNU गेट के बाहर एक हिंसक भीड़ है। जितने चेहरे में देख पाया उसमें से छात्र कोई नहीं लगा। जैसे ही लाइव रिपोर्टिंग में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए, भीड़ ने नक्सली, आतंकवादी कहकर मुझपर और कैमरामैन पर हमला कर दिया। मेरा कैमरा तोड़ा, माइक छीना। पुलिस चुप थी।
— ASHUTOSH MISHRA (@JournoAshutosh) January 5, 2020
अब सवाल यह उठता है स्टूडियो में बैठ कर सरकार की भक्ति और दलाली करने वालों की वजह से ग्राउंड पर मौजूद रिपोर्टरों को
क्यों निशाना बनाया जाता है? क्या ऐसी परिस्थितियों में स्टूडियो में बैठ कर चाटूकारिता करने वाले एंकर को ग्राउंड ज़ीरो पर नहीं भेजा जाना चाहिए? क्योंकि उन्हीं एंकर की वजह से रिपोर्टरों को निशाना बनाया जाता है तो ऐसे में एंकरों की दलाली का हर्ज़ाना ग्राउंड ज़ीरो का रिपोर्टर क्यों भरे?
Horror at JNU last night – i Had to escape the vulture mob attacked me and my Cameraman of outsiders right outside the main gate of JNU.
Someone somehow recorded it. pic.twitter.com/Z076wS8Fao— ASHUTOSH MISHRA (@JournoAshutosh) January 6, 2020
जब यह रिपोर्टरस जामिया पहुँचते है तब भी इनको निशाना बनाया जाता है क्योंकि छात्रों का गुस्सा होता है कि उनकी खबर नहीं दिखाई जा रही है और अगर दिखाई जा भी रही है तो स्टूडियो में बैठे एंकर उसे तोड़मरोड़ कर दिखाते है इस वजह से जामिया में ग्राउंड पर मौजूद रिपोर्टरों को निशाना बनाया जाता है। वहीं JNU में मौजूद रिपोर्टरों को विशेष छात्र संगठन द्वारा इसलिए निशाना बनाया गया की उनकी गुंडागर्दी कैमरे में कैद ना हो सके। ऐसा में सवाल वही है कि स्टूडियो में बैठे पत्रकारों की चाटूकारिता की वजह से ग्राउंड ज़ीरो पर मौजूद पत्रकार क्यों पिटे जाए?