Fri. Oct 24th, 2025

नई दिल्ली : विवादित नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के ख़िलाफ़ का आज देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिसिया कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है। कहीं प्रदर्शनकारियों को पुलिस पीट रही है तो कहीं गिरफ्तार कर रही है। इस बीच देश के आलातरीन शायर मुनव्वर राना (Munawwar Rana) ने फेसबुक पर एक शेर पोस्ट किया है।

उनके इस पोस्ट को प्रदर्शनकारियों का हौसला बढ़ाने के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने पोस्ट में लिखा है,“मरना ही मुकद्दर है तो फिर लड़ के मरेंगे, खामोशी से मर जाना मुनासिब नहीं होगा”। मुनव्वर राना के इस पोस्ट को जहां लोग इंकलाबी बताकर उनकी सराहना कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो उनके पोस्ट को भड़काने वाला करार दे रहे हैं।

हैरानी की बात तो ये है कि उनके इस पोस्ट के बाद कई चरमपंती लोग उन्हें देशद्रोही तक करार दे रहे हैं। मुनव्वर राना को देशद्रोही कहने वाले उनकी शख्सियत तो दूर शायद उनकी शायरी से भी नावाकिफ़ हैं। मुनव्वर राना ने ऐसे ही लोगों के बारे में कभी कहा था,“सरफिरे लोग हमें दुश्मन-ए-जाँ कहते हैं, हम जो इस मुल्क की मिट्टी को भी माँ कहते हैं…. तुझको ऐ ख़ाक-ए-वतन मेरे तयम्मुम की क़सम, तू बता दे जो ये सजदों के निशाँ कहते हैं”।

मुनव्वर राना को इस वक्त देशद्रोही सिर्फ इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि वह सरकार के उस कानून के साथ नहीं खड़े हैं, जो धर्म की बुनियाद पर बनाया गया है। दरअसल, नागरिकता संशोधन कानून में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए ग़ैर-मुस्लिमों को भारत की नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है। जबकि इस कानून में मुसलमानों के लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।

इसी कानून के खिलाफ़ देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। कई दिनों से लगातार इस कानून के विरोध में छात्रों से लेकर देश की कई जानी-मानी हस्तियां सड़कों पर उतरी हुई हैं। इस दौरान कई हिंसक घटनाएं भी हुई हैं। लेकिन सरकार इसके बावजूद इस कानून को वापस लेने पर कोई विचार नहीं कर रही। कुछ लोग ये आरोप भी लगा रहे हैं कि सरकार इस कानून को देश के माहौल को बिगाड़ने के लिए ही लाई है।

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By Khabar Desk

Khabar Adda News Desk

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