नई दिल्ली : दिल्ली के जामिया नगर में लोग शांतिपूर्ण ढंग से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे तभी पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज कर दिया जिसके बाद भीड़ में अफरा तफरी फैल गई और देखते ही देखते पुलिस और भीड़ दोनों हिंसक हो गयी। कई बसों को आग के हवाले कर दिया गया घटनास्थल से आई फोटोज और वीडियो ने पुलिस को भी इस हिंसा को बढ़ावा देने की तरफ इशारा कर रहा है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक वीडियो ट्वीट कर दिल्ली पुलिस को सवालोँ के घेरे में ला कर खड़ा कर दिया है।
भीड़ को तितर बितर करने में पुलिस इतनी हिंसक हो गई कि वह जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कैंपस में घुस गई और जमकर लाठियां बरसाई और आंसू गैस के गोले दागे, पुलिस यही नहीं रुकी और वह जामिया की लाइब्रेरी में घुस कर लाठियां चलाई, आंसू गैस के गोले छोड़े जहां छात्र शांति से पढ़ाई कर रहे थे।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया में दिल्ली पुलिस की इसी हिंसा पर सवाल उठाते हुए आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी अब दिल्ली पुलिस पर सवाल उठा रहे है। उन्होंने पूछा कि अगर हिंसा करने वाले छात्र नहीं थे तो हॉस्टल और लाइब्रेरी में घुसकर छात्रों को क्यों मारा गया?
आपको बता दें कि दिल्ली में हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है जिसमें दिल्ली पुलिस ने बताया है कि इसमें एक भी छात्र नहीं है जिसके बाद संजय सिंह ने दिल्ली पुलिस को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है। संजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा ” दिल्ली पुलिस कह रही है हिंसा मामले में जो गिरफ़्तार हुए वो जामिया में पढ़ने वाले छात्र नही है फिर दिल्ली पुलिस ने हॉस्टल और लाइब्रेरी में घुसकर लड़के लड़कियों को बेरहमी से क्यों पीटा? दिल्ली पुलिस के उन सब अधिकारियों की जांच होनी चाहिए जिन्होंने ये बर्बरता की है।

