लेखक : रवीश कुमार
ज़ुबान जब गंदी होती है तो बनियान नहीं धोते है। ज़ुबान धोते हैं। मंजन करते है। जिनको कपड़े से कोई मुसलमान दिखता है उन्हें नया बनियान देते है। ऐसी गंदी ज़ुबान जिनकी भी है वो बनियान ख़रीदें। नहीं ख़रीद सकते तो बनियान भेंट करें। रूपा से लेकर लक्स तक। बनियान ही बनियान। सारे हिन्दुस्तानी अपना लक पहन कर चलें। जिनका तन मैला है उन्हें थैला दें। जिनकी ज़ुबान गंदी है उन्हें थैली दें।

आबो हवा साफ़ रखें। सभी न्यूज़ चैनल और हिन्दी अख़बारों से दूर रहें। एक घटिया अख़बार और एक घटिया चैनल दिमाग़ में मलेरिया पैदा करता है। मलेरिया से बचें। अख़बार पढ़ें कबाड़ नहीं। अपने अपने ज़िलों के हिन्दी अख़बारों को ध्यान से देखें। वो मुल्क का बनियान फाड़ने में लगे हैं उस बादशाह की ख़ातिर जो इंसान का बनियान देखता है। टेलिग्राफ पढ़ें।
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