नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के झांसी की रानी रोड पर अनाज मंडी में जो कुछ हुआ है उससे पूरा देश दुखी है लेकिन इस घटना में एक लड़का हीरो बनकर सामने आया है जिसने लोगों की जान बचाकर लोगो को जीवन दान देने का काम किया है।
इस नन्हें मासूम मसीहा का नाम मोहम्मद फरहान बताया जारहा है जिसने समय रहते मदद के लिए आवाज लगाई नहीं तो इस भीषण हादसे के हताहतों की संख्या और बढ़ सकती थी. फरहान ने अपनी समझदारी और सूझबूझ दिखाते हुए कई लोगों की जान बचा ली।
आग लगने की जानकारी मिलने के बाद फरहान ने चिल्ला-चिल्लाकर लोगों को नींद से जगाया. इसके बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी और आग बुझाने में जुट गए. आपको बता दें जिस समय इमारत (Building) में आग लगी थी उस वक्त सभी लोग गहरी नींद में सो रहे थे।
मोहम्मद फरहान ने मीडिया को बताया कि आग लगने की घटना के वक्त वह भी सो ही रहा था. लेकिन अचानक बचाओ-बचाओ की आवाज सुनकर उसकी नींद टूट गई. उसने बाहर देखा तो लोग बचाने की गुहार लगा रहे थे. इसके बाद वह अपनी मां के साथ घर की छत पर गया।
वहां उसने देखा कि एक मकान के जिस कमरे आग लगी थी, उसकी खिड़की के पास कुछ लोग खड़े होकर मदद की गुहार लगा रहे थे. वे लोग बाहर मौजूद लोगों से खिड़की तोड़ने की अपील कर रहे थे जिससे कि वे वहां से बाहर निकल सकें. इसके बाद अन्य लोगों ने हथोड़े से खिड़की को तोड़ने की कोशिश की और उन लोगों को बाहर निकाला.
वहीं, स्थानीय निवासी मोहम्मद कसीर का कहना है कि, ‘साढ़े तीन बजे लोगों की चिल्लाने की आवाज आई. जब मैं छत पर चढ़ा तो ऐसा लगा जैसे जंगल में आग लगी हो. लोग खिड़की से चिल्ला रहे थे, हमें बचा लो. तब मैंने उनसे कहा, आप कैसे भी छत पर आ जाओ लेकिन वे छत पर नहीं आ पाए’
वहीं एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी मोहम्मद रियान ने कहा कि, ‘जब हमें सुबह साढ़े तीन बजे धुआं महसूस हुआ तो हम छत पर आ गए. लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे. हमने लोगों की मदद के लिए उस छत पर एक पाइप और भीगा हुआ कपड़ा फेंका.’
दमकल अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में 43 श्रमिक मारे गए और दो दमकल कर्मी घायल हुए हैं. उन्होंने बताया कि इकाइयों के पास दमकल विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं था. इलाके के तंग होने की वजह से बचाव अभियान में दिक्कत आ रही है और दमकलकर्मी खिड़कियां काट कर इमारत में दाखिल हुए।