लेखक : मीरान हैदर, (दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष – युवा राजद)
सविंधान,आरक्षण और बहुजन विरोधी शैतानी ताकतों से लड़ने वाले,उन्हें परास्त करने वाले इंसान के शक्ल में महात्मा और मसीहा लालू प्रसाद यादव जी आखिर क्यों जेल में है??
10 विधायक लाकर हरयाणा में दुष्यंत चौटाला भाजपा से गठबंधन करते ही उपमुख्यमंत्री बन जाता है और तिहाड जेल में भ्रष्टाचार के जुर्म में बंद उसके पिता अजय चौटाला को अगले ही दिन बेल मिल जाता है। महज 7 विधायको को अपने चाचा शरद पवार की पार्टी NCP से तोड़ने वाला अजित पवार भाजपा से गठबंधन कर रात के अंधेरे में उपमुख्यमंत्री बन जाता है और अगले ही दिन (आज) CBI की बिशेष अदालत अजित पवार पे चल रहे 70 हज़ार करोड़ की सिंचाई घोटाले से बरी करते हुए केस को हमेशा के लिए बंद कर देती है।
बिहार में महागठबंधन द्वारा चुनाव जीतने पे जदयू के पास राजद से कम विधायक होते हुए भी लालू प्रसाद यादव जी ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया लेकिन डेढ़ साल में ही नीतीश कुमार पे नरेंद मोदी और अमित शाह ने ऐसा शिकंजा कसा की 90 के दशक में एक मर्डर के जुर्म में जेल जाने से बचने के लिए नीतीश कुमार रातों रात पलटी मारते हुए भाजपा के गोद मे जा बैठे और फिर उनपे कार्यवाही टल गई और भाजपा से मिल लिए तो कुर्सी भी बच गयी।
आखिर देश मे ऐसी कौन सी विशेष अदालत है और ऐसा कौन सा सविंधान है जिसके तहत जो भी दल या नेता विपक्ष में होते हुए भ्रष्टाचार के जुर्म में फसाया जाता है या जेल भेज दिया जाता है लेकिन जैसे ही वो नरेंद्र मोदी और भाजपा से हाथ मिलता है, वो अगले ही लम्हे एका एक राजा हरिश्चंद्र जैसा ईमानदार और प्रखर राष्ट्रवादी बन जाता है।
जो चारा घोटाला पूर्व में मुख्यमंत्री पंडित जगन्नाथ मिश्रा के कार्यकाल में शुरू हुआ था और जिसका पर्दाफाश लालू जी ने किया था लेकिन कोर्ट सब कुछ मानते जानते हुए भी पंडित जी को बेल दे दी और ग़रीबो,पिछडो दलितो अकिलियतो के नेता लालुजी को जेल भेज दी।
अगर लालुजी थोड़ा भी अपने विचारधारा, नीति और सिद्धान्तों से समझौता कर लेते तो सुशील मोदी बिहार में भाजपा के कोटा से उपमुख्यमंत्री ज़रूर बने रहते लेकिन मुख्यमंत्री राजद के नेता तेजस्वी यादव जी होते और लालु जी को भी नरेंद्र मोदी और भाजपा के तरफ से राजा हरिश्चन्द्र का सर्टिफिकेट मिल चुका होता।
खैर, सब कुछ आपके सामने है, देश की जनता समझदार है,खुद ही फैसला करें।